Book Title: Jambuswami Charitam
Author(s): Ratnaprabhsuri, Hemsagarsuri
Publisher: Dhanjibhai D Zaveri

View full book text
Previous | Next

Page 47
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyan mandir जम्बूचरित्रे ॥ ४६॥ poemercreemaezoexpezopezoeaeeze अमरसेण-प्रवरसेन-भ्रात्रोः कथा-कंचणपुरंमि कंचणसेहररायस्स आसि दोनि सुया । नामेण अमरसेणो, पढमो वीओ पवरसेणो |॥ २३ ॥ ताण पसायपरेणं, पिउणा जयकुंजरो कयाइ पुरा । दिन्नो आसि सया वि य, चडिया ते तत्थ कीलंति ॥ २४ ।। जह 6/ अमरसेनउदयं तस्स नराहिवस्स कस्सइ जसो पयावो य । दोय सुकुलुग्गयस्स अहवा, ववसाओ सुकयजोगो य ॥ २५॥ तह कुसुमसरस प्रवरसेनमाणे, ते रममाणे सुदंतिणा तेण । पेच्छंती मच्छरमुब्वहेइ सावकिया माया ।। २६ ।। वारं वारं रत्ति, दिवा य कन्ने खणेइ भ्रात्रोःकथा नरवइणो । सामिय! सुयस्स मझ, दिजउ जयकुंजरो एसो ॥ २७॥ कि किज(इ)उ तुह वल्लह, देह पसाएण अहव चाएण। एत्तियमेवंपि न होइ अम्ह ता कूडनेहोऽसि ।। २८ ॥ वियसंतरोसधूमंधयारधूसरमिमं मिसिमिसंतं । दळूण भणइ राया, एवं कह होइ कयाइ ॥ २९ ॥ भत्ता सत्ता जुत्ता, पुत्ता ते किं न अप्पणा दिन्नो। कह मग्गिज्जइ स गओ, तं देमि जमन्नमाएससि ।। ५३० ।। कुग्गहराहिलं महिलं, नाऊण नाराहिवो मयणमूढो । भणइ कुमरे करिंद, अप्पह मह देमि दस करिणो ॥३१॥ नाऊण चुल्लमायाए, चेट्टियं सुछ निठुरं एयं । चितंति ते वि एवं, धीदुश्चरिय महेलाणं ।। ३२ ॥ नियमाइनिविसेसेण, गउर| वेणं वयं निएमो तं । नियसुयवच्छळयाए, साणे जाणेइ रिउणो व्व ॥ ३३॥ करिणो सिणीहिं बग्गाहिं, वाइणो गोणया वि नत्थाहिं । कीरति वसे पुरिसा, मराललीलाहिं महिलाहिं ॥ ३४ ॥ ता माणी ता जाणी, वियक्खणो ताव सज्जणो ताव । जाव घरट्टोव्व नरो, न भामिओ दुटुमहिलाहिं ॥ ३५ ॥ “ तिहुयणु सयलु जि पेक्खहिं अंखिहि, लक्खहिं गयणि मग्गु जे पंखिहिं। जलपरिमाणु जि सायरि बुज्झहिं, तरुणिचरित्ति ते वि निरु मुज्झहिं ॥ ३६॥” अहवा सव्वं सोहेइ, सुंदरीणं असुंदरीहाणं । ताओ वि नाम एवं, करेइ अव्वो महच्छरियं ।। ३७ ॥ दस देइ मत्तदंती, जइ नाम तहावि तेहिं किं कजं । माणपणासे पुरिसाण, होइ कोडी वि तिणतुल्ला ॥ ३८॥ माणि पणइ जइ न तणु, तो देसडा चएज्ज । मा दुजणकरपल्लविहि, दंसिजंतु भमेज ।। ३९ ॥ तथा-"पुण्येऽरण्ये पुरे वा सितघ'नच्छन्नपाली कपालीमादाय 'व्यायसज्जद्विजहुतहुतभुग्धूमधुम्रोपकण्ठम् ।। ॥४६॥ १ वनवसनच्छन्न B. C. घनवसच्छन्न । २ न्या DI For Private And Personal use only

Loading...

Page Navigation
1 ... 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64