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मिलेगा और उसकी बहिन की पुत्री को भी मिल सकता है (२३)। यदि स्त्री संतान-हीन मर जाय तो उसका धन पति को मिलेगा (२४)। विवाहिता पुत्रियाँ अपनी-अपनी माताओं के स्त्री-धन को पाती हैं (२५)। विवाहिता स्त्री का स्त्री-धन उसके पिता तथा पिता के कुटुम्बी जनों को नहीं लेना चाहिए (२६)।
(२३) इन्द्र० १५ व ४६ । (२४) भद्र० २६, वर्ध० १३ । (२५) इन्द्र० १४ । (२६) अहं १ ।
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