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सप्तम परिच्छेद संरक्षकता
जो पुत्र तथा पुत्रियाँ वयःप्राप्त नहीं हैं उनकी संरक्षकता के अधिकारी नीचे लिखे मनुष्य क्रमानुसार होंगे ( १ ) -
३ –भाई ।
-चचा ।
१ - पिता । २- पितामह । ५ – पिता का गोत्रज । ६ – धर्मगुरु |
८- मामा ।
यह क्रम विवाह के सम्बन्ध में है ( १ ) । बड़े भाइयों के साथ छोटे भाइयों को रहने की आज्ञा है (२) और बड़े भाई का कर्त्तव्य है कि पिता के समान उनके साथ व्यवहार करें ( ३ ) । विभाग होने के पश्चात् भी यदि कोई भाई उत्पन्न हो जाय तो बड़े भाइयों को उसका विवाह करना चाहिए (४) । छोटी बहिनों की संरक्षकता, उनके विवाहित होने तक, पिता के अभाव में, बड़े भाइयों को प्राप्त होती है ( ५ ) | यदि किसी विवाहिता पुत्री के पति के कुटुम्ब में उसकी रक्षा और उसकी सम्पत्ति की देखभाल करनेवाला कोई न हो तो उसके पिता के कुटुम्ब का कोई आदमी संरक्षक होगा (६) । यदि माता जीवित है और कोई छोटी लड़की या लड़का उसके साथ और अपने अन्य भाइयों से पृथक् रहता हो या और भाई
( १ ) ० अध्याय ११ श्लो० ८२ ।
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( २ ) भद्र० ५ ; श्र० २४ |
( ३ )
90; "
२४ ।
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(६) ० ८२ |
( ४ )
१०६ ।
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( ५ ) वर्ध० 8; भद्र० १६, इन्द्र० २८. श्रर्ह० २० ।
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-नाना ।
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