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यह जानकर बड़ी प्रसन्नता हुई कि प्रसिद्ध सन्त जैन दिवाकर श्री चौथमलजी महाराज की इस वर्ष जन्मशताब्दी मनायी जा रही है । श्री चौथमलजी महाराज ने भगवान् श्री महावीर की सीख को अपने जीवन में यथार्थ किया है । अहिंसा, सामाजिक बुराइयों का उन्मूलन, गरीबों की सेवा और गरीबी नष्ट करने के उनके अथक प्रयत्नों से वे समाज के सभी वर्गों में बड़े प्रिय, आदरणीय और श्रद्धा योग्य सिद्ध हुए हैं। ऐसे महान् क्रान्तिकारी सुधारक सन्त की स्मृति में एक स्मृति ग्रन्थ का प्रकाशन सर्वथा उचित है ।
राजमाता जोधपुर
( १७ )
श्री चौथमलजी महाराज की जन्मशताब्दी और स्मृति ग्रन्थ के प्रति मेरी सद्भावनायें ।
(डॉ० बलीराम हिरे)
शिक्षण मंत्री महाराष्ट्र शासन
मंत्रालय, मुंबई ४०० ०३२ दिनांक २८ जून १६७८
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उमेद भवन
जोधपुर
दिनांक १४-६-७८
यह जानकर बड़ी प्रसन्नता हुई कि अखिल भारतीय श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन समाज द्वारा प्रसिद्ध सन्त जैन दिवाकर श्री चौथमलजी महाराज का जन्मशताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है और इस अवसर पर उनके उदात्त चरित्र से प्रेरणा लेने व उनके जीवन सुधार मिशन को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से उनकी स्मृति में एक स्मृति ग्रन्थ का प्रकाशन होने जा रहा है ।
मेरी इस स्मारिका की सफलता हेतु शुभकामनायें हैं ।
कृष्णा कुमारी (राजमाता - जोधपुर )
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