Book Title: Jain Dharmamrut Author(s): Siddhasen Jain Gpyaliya Publisher: Siddhasen Jain Gpyaliya View full book textPage 8
________________ -काल १ - निश्चय काल ( काल द्रव्य ) २--- - व्यवहार काल (काल द्रव्य की घडी, दिन, मास आदि वयों को. } २- मोक्ष मार्ग १ --- निश्रय ( सत्यार्थ स्वरूप ) २ - व्यवहार ( निश्चय का कारण ) २-बंध– १- - द्रव्य ( कार्माण स्कंध पुद्गल द्रव्य में आत्मा के माथ संबंध होने की शक्ति ) २- भाव ( आत्मा के योग कषायरूप भावों को ) -आम्रव - १ - द्रव्य ( द्रव्य बंध का उपादान कारण अथवा भाव बंध का निमित्त कारण ) २ – भाव ( द्रव्य बंध का निमित्त कारण या भाव बंध का उपादान कारण ) २-आस्रव १ - साम्परायिक ( कषाय सहित ) २ – ईर्यापथिक ( कषाय रहित ) २-संवरPage Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78