Book Title: Jain Dharmamrut
Author(s): Siddhasen Jain Gpyaliya
Publisher: Siddhasen Jain Gpyaliya

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Page 55
________________ ४-आहार १-खाद्य-खाने योग्य (दाल, भात, रोटी, ल आदि ) २-स्वाद्य-स्वाद लेने योग्य (पान सोपारी) . ३-लेध-चाटने योग्य (मलाई, चटनी, रवी) ४-~-पेय-पीने योग्य ( पानी, दुध, शत. ४. चार अक्षर के मंत्र अरह। में ह्रीं नमः ४-चिन्ह ब्रह्मवारी १-चोटी में गांव २----उर में जनेऊ ३-वटि में मूज का तागड ४ .रों में शुक्ल वस्त्र ४- उत्तम श्रोता १-नेत्रगमान २-दर्पण-समान ३-तराजू की डंडी समान. ४-कसौटी समान ४-मुकदोष १-स योगदोष २-प्रमाणदोष ३-अगरदोर ४-धमदोष

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