Book Title: Jain Dharmamrut
Author(s): Siddhasen Jain Gpyaliya
Publisher: Siddhasen Jain Gpyaliya
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-धारणा
१-पार्थिवी धारणा २-आग्नेयी धारणा ३--वायु धारणा ४-जल धारणा
५--तत्व रूपवती धारणा ( ज्ञानाणव' में देखो ) -अनर्थ दर
१-पापोपदेश ( पाप का उपदेश देना) 2-हिंसादान [ हिंसा के उपकरण देना ] ३-प्रमादचर्या [ विना प्रयोजन जलादि दोरना ] ४-दुःश्रुति | रागद्वेष करने वाली कथाएं सुनना ।
५--अपघ्यान ( खोटा विचार करना ) ५-अनृद्धि प्रार्यि
१-क्षेत्रार्या २-जात्यायां३-कार्या ४-चारित्रार्या ५-दर्शनार्या
'-अनुमान

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