Book Title: Jain Dharmamrut Author(s): Siddhasen Jain Gpyaliya Publisher: Siddhasen Jain Gpyaliya View full book textPage 70
________________ ५-यथाख्यात ११-१२-१३-१४ वेंगुणस्थान का चारित्र ) ५-संघात १-औदारिक २-वैक्रियक 3-आहारक ४- तेजस ५ कार्माण १-औदारिक ३-आहारक ४-तेजस ५-कार्माण १-पादस्नान ( पैर धोना ) २-जानुस्नान ( जंधा पर्यंत ) ३-कटिस्नान ( कमर तक) ४-श्रीवास्नान ( गर्दन तक ) ५-शिरस्नान ( शिर पर्यंत नहाना ) ५-ब्रह्मचारीPage Navigation
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