Book Title: Jain Dharmamrut
Author(s): Siddhasen Jain Gpyaliya
Publisher: Siddhasen Jain Gpyaliya

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Page 60
________________ ५७ . १-~-पुगात (रूप-रस-गंध-स्पर्श सहित) २-धर्म (जो जीद पुद्गल को चलने में मदद करे) ३-~-अधर्म (जीव पुद्गल को स्थिति करने में मदद करे) ४-आकाश ( रहने के लिये जगह ये) ५-~-पाल (परिणमन होना) १-खा २-मीठा ३-कडवा ४-वरपरा ५-पायल्म ५ -रूप २-पीला ३-नीला ४-लाल ५-फे १-सुदर्शन २-जिय ३.-अचल

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