Book Title: Jain Dharmamrut
Author(s): Siddhasen Jain Gpyaliya
Publisher: Siddhasen Jain Gpyaliya

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Page 56
________________ ५३ . ५-णमोकार 1-माअरहताण ( अरहता को नमस्कार हो) २-णमासिद्धाण ( सिद्धों को नमस्कार हो) ३-णमआयरीयाण' (आचार्यों को नमस्कार है। ) ४-मोउवज्शायाण । उपाध्यायों को नमस्कार हो) ५-णमोलाएसव्यसाहणं (लेक में सर्व साधुओं के नमस्कार हो) ५-परमेष्ठी -अरहंत २-सिद्ध ३-आचार्य ४-उपाध्याय . ५-सर्वसाधु ५-इन्द्रिय -स्पर्श (खचा) २-रसना ( जीम) ६-प्राण (नाक) ४- चक्षुः (आंख ) ५-कण ( बान) १-अहिंसा ( हिंसा न करना )

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