Book Title: Jain Dharmamrut
Author(s): Siddhasen Jain Gpyaliya
Publisher: Siddhasen Jain Gpyaliya

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Page 45
________________ કર 2-कुदेव (मिथ्यातो देव ) ४-अदेव (तुलसी, पीपलादि) ४-दर्शन १-चक्षुःदर्शन ( आंख से सता मात्र खना) २-अचक्षुदर्शन ( आंख सिवाय अन्य इन्द्रियों से किसी वस्तु की सत्ता मात्र का जानन ) ३-अवधिदर्शन (अवधिद्वारा रूपी पदाथों की सत्ता मात्र का जानना ) ४-केवलदर्शन (कवली को समस्त पदार्थों की संता ___ मात्र का भान होना) ४-संज्ञा १-आहार (साना) २-निद्रा (सोना) ३-परिग्रह (लोभ) ४-मैथुन (विषय-इच्छा) ४-पुरुषार्थ १-धर्म २-अर्थ 3-काम ४--मोक्ष ४-निक्षेप

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