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२- दु.ख -
२
- अवधिज्ञान
१ - शारीरिक ( शरीर संबधि ) ० - मानसिक ( मन संबंधि )
१ -- भवप्रत्यय ( जन्म से )
२ - गुणप्रत्यय ( तपादिक से )
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રક્
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काल
१ - उत्सर्पिणी ( जिसमें आयु आदि बढता जाय ) २ - अवसर्पिणी ( जिसमें आयु वलादि घटता जाय )
-कुशील
२- संयम
१ - प्रतिसेवना कुशील ( जिस मुनि को शरीर उपकरणादि से विरक्तता न होय मूल व उत्तर गुणों की पूर्णता होय) १- कषाय कुशील ( कदाचित उत्तर गुणों में दोष आवे ) जिन मुनियों के संज्वलन कषाय हो )
१ – इन्द्री संयम - ( ५ इन्द्रियों व मन को वश में करना )
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२ - प्राणि- संयम ( ६ काय के जीवों की रक्षा करना ।