Book Title: Jain Dharmamrut
Author(s): Siddhasen Jain Gpyaliya
Publisher: Siddhasen Jain Gpyaliya

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Page 28
________________ ३- लोक १ ऊर्द्ध वूलोक (स्वर्गादि ) २ - मध्यलोक ( जम्बूदिपादि ) ३ -- पाताललोक ( नरकादि ) ३-काल १ -- भूतकाल ( जो हो चूका ) २-- वर्तमानकाल ( जो चल रहा है ) ३- भविष्यकाल ( जो आगे होगा ) ३-काल १ -प्रातः २- मध्यान्ह ३ - सायं ३- वेद १ – पुवेद २-स्त्रीवेद ३ - नपुंसक वेद ૧ ३-विकलत्रय - १ द्वीन्द्रिय २ - त्रीन्द्रिय ३ - चतुरिन्द्रिय

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