Book Title: Jain Dharmamrut
Author(s): Siddhasen Jain Gpyaliya
Publisher: Siddhasen Jain Gpyaliya
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३-योग स्थान
१-उत्पादयोग स्थान २-एकांत वृध्धि योग स्थान ( गामहसार जीवकाड में
देखो ३- परणाम योग स्थान ३-धर्म अरुचि के कारण
५- अज्ञानता २-पाय
३-पापादय ३–पर्याप्ति
१-पर्याप्ति २-अपर्याप्ति ( निर्वत्य पर्याप्ति )
-लब्धि अपर्याप्ति ३-आंगुल
१-~-नाम उच्छेद आंगुल २-आत्म, आंगुल
३-प्रमाण आंगुल ३- हार (आभूषण)
१-एकावली जिष्टी हार २~-रत्नावली जिप्टी हार
2-अपवृतिकहार ३-अक्षर

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