Book Title: Jain Dharmamrut
Author(s): Siddhasen Jain Gpyaliya
Publisher: Siddhasen Jain Gpyaliya

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Page 10
________________ २-पर्यायार्थिय-(जो विशेष (गुण-पर्याय) को विषय करे २-गुण १-सामान्य (जो सब द्रव्यों में व्यापे) २-विशेष (जो सब द्रव्यों में न न्यापे) २-द्रव्य १-जीव ( चेतना सहित ) २-अजीव ( चेतना रहित ) २-चेतना १-दर्शन (जिस भे महासत्ता का प्रतिभास हो) २-ज्ञान ( विशेष पदार्थ को विषय करने वाली) २-सत्ता १-महासत्ता (समस्त पदार्थों के अस्तित्व गुण को प्रहण करने वाली ) २-आवान्तरसत्ता (किसी विवक्षित पदार्थ की सत्ता ) २-प्रमाण १-प्रत्यक्ष (जो पदार्थ को स्पष्ट जाने) २-परोक्ष (दूसरे की सहायता से पदार्थ को स्पष्ट माने ) २-प्रत्यक्ष -सांव्यवहारिक (इद्रिय तथा मन की सहायता से पदार्थ को एक देश स्पष्ट जाने)

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