Book Title: Jain Dharmamrut
Author(s): Siddhasen Jain Gpyaliya
Publisher: Siddhasen Jain Gpyaliya
View full book text
________________
१-द्रव्यलिंगी (आत्म ज्ञान रहित )
२-भावलिंगी (आत्मज्ञानी ) २-स्वभाव
१-सरल स्वभाव ( त्रियोग की एकता )
२-कुटिल स्वभाव (त्रियोग की विपरीतता ) २-कषाय
१---मन्द ( थोडी)
२-तीव्र ( अधिक ) २-मेाहनीय
१- दर्शन माहनीय ( दर्शन गुण को पाते)
२-बारित्र मोहनीय (चारित्र गुण को पाते) २-नाम ऋषभनाथ
१-ऋषभनाथ
२-आदिनाथ ( केशरिया भगवान ) २-नाम पुष्पदंत
१-पुष्पदंतनाथ
२-सुविधिनाथ २-मन
१-द्रव्य मन (शरीर रुप) २-भाव मन (आत्मा रुप)

Page Navigation
1 ... 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78