Book Title: Jaganmohanlal Pandita Sadhuwad Granth
Author(s): Sudarshanlal Jain
Publisher: Jaganmohanlal Shastri Sadhuwad Samiti Jabalpur
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तालु
मूर्धा
ल दन्त
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श तालु
ष मूर्धा
दन्तोष्ठ
स दन्त
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कंठ
लक्ष्मी वीज-विरोधी
आह्वान वीज
काम वीजमूल
सर्व वीजमूल
सहसारप्रक्रम् (७)
अग्नि वीज
श्री वोजमूल
सरस्वती वीज
वीणा की खूँटी
पिङ्गला
वैरवरी वाणी/
हृदय देश
कुण्डलिनी
समान वायु वैश्वानर अग्निनाभि
Hrittrter
आकाश
आकाश
वायु
अग्नि
पृथ्वी
पृथ्वी
वायु
अग्नि
जल
वायु
न.
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पु.
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स्त्री.
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पु.
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न.
जैन शास्त्रों में मन्त्रवाद
सात्विक विरोधी
सिद्धि, सन्तान
शान्ति, सिद्धि
शक्ति वृद्धि
वै.
वै.
आज्ञाचक्रम् (६)
D वीणा की खूँटी सुषुम्ना
- इडा
• विशुद्धचक्रम् (५)
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मध्यमा वाणी
'अनाहतचक्रम् (४)
पश्यन्ती वाणी मणिपूरचक्रम् (३)
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लक्ष्मी, कल्याण
विपत्ति निवारक
निरर्थक
सिद्धिदायक
सर्वसाधक
मंगल साधक
स्वाधिष्ठानचक्रम् (२)
- मूलाधारचक्रम् (१) परा वाणी
चित्र १. शरीर तंत्र में विभिन्न चक्र और नाड़ियाँ ( सौजन्य डॉ० वागीश शास्त्री )
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