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अव्यय
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अव्यय अपभ्रंश दोहों में पाये जाते हैं प्रायः संस्कृत अव्ययों के तद्भव रूप अपभ्रंश में पाये जाते हैं। सूत्र रूप
अर्थ 8/4/330 णाइ
संस्कृत इव के अर्थ में निषेध निषेध
(अपि) भी 8/4/331 णावइ (इव) निश्चय 8/4/335 पर
(परं) परन्तु या किन्तु 8/4/336 जिवँ
उपमा अर्थ में 8/4/337 जिह यथा-जिस प्रकार 8/4/339 अह है (अथ) इस प्रकार, या
साथ
स्वयं 8/4/340 वरि
वरं
नहीं 8/4/341 एत्तिउ (इयत्) इतना
जिव (एव) निश्चय ही 8/4/343
(तथा) उस प्रकार 8/4/343 जइ 8/4/343 अज्जु (अद्य) आज (सम्प्रति) . 8/4/344 णिरु नितरां 8/4/349 जहिं (यत्र) जहाँ 8/4/350 कवण
कौन
सह
सई
तेव
यदि।