Book Title: Hemchandra Ke Apbhramsa Sutro Ki Prushthabhumi
Author(s): Ramanath Pandey
Publisher: Parammitra Prakashan

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Page 524
________________ लेखक प्रस्तुत पुस्तक के मूल लेखक डॉ० परममित्र शास्त्री की प्रारम्भिक शिक्षा उर्दू और फारसी की घर पर ही दिलायी गयी तथा इन्होंने अपने पिता से हिन्दी भी सीखी थी। बाद में इन्हें गुरुकुल अयोध्या, फैजाबाद (उत्तर प्रदेश) में प्रवेश दिलाया गया। आर्य समाजी पद्धतियों से संस्कृत की बुनियादी तालीम मिली। गुरुकुलीय प्रणाली की संस्कृत शिक्षा प्राप्त करते हुये इन्होंने संस्कृत व्याकरण से संपूर्ण मध्यमा (चार खण्ड) प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किया। संस्कृत के प्राचीन व्याकरण से शास्त्री परीक्षा उत्तीर्ण कर बनारस आ गये। डी० ए० वी० इण्टर कॉलेज, बनारस से मैट्रिक और इण्टर की परीक्षा पास करते हुये वहाँ के प्राचार्य श्री कृष्णदेव प्रसाद गौड़ (बेढव बनारसी जो कि हिन्दी साहित्य के मूर्धन्य हास्यरस के कवि एवं कथाकार थे) के सम्पर्क में आये। वहीं पर अध्यापन कार्य में रत तथा बाद में वहीं के प्राचार्य पंडित सुधाकर पाण्डेय (भूतपूर्व सांसद तथा नागरी प्रचारिणी सभा के प्रधानमंत्री) के सम्पर्क में आने पर इनका लगाव हिन्दी साहित्य की ओर हुआ। तत्पश्चात् बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से बी० ए० और एम० ए० करते समय हिन्दी के प्रख्यात विद्वान् आचार्य पंडित हजारी प्रसाद द्विवेदी के सान्निध्य में आये। संस्कृत की पृष्ठभूमि होने के कारण आचार्य द्विवेदी जी ने इन्हें हेमचन्द्र के अपभ्रंश सत्रों पर गवेषणा करने के लिये प्रेरित किया। एम० ए० की कक्षा में पढ़ाते हुये आचार्य द्विवेदी ने अपभ्रंश के प्रसिद्ध काव्य पौउमचरिउ (पदमचरितम) के पद्यों को तथा संदेशरासक के दोहों को पढाते हर अपभ्रंश के शब्दों की व्याकरणात्मक व्युत्पत्ति करने का निर्देश करते थे। इस कारण लेखक का अपभ्रंश के प्रति अत्यन्त अगाध निष्ठा एवं आकर्षण हुआ। बाद में इन्हीं निष्ठाओं के कारण शोध करते समय नागरीप्रचारिणी सभा काशी के प्रधान मंत्री पंडित सुधाकर पाण्डेय (भूतपूर्व सांसद) एवं इनके गुरू ने नागरीप्रचारिणी सभा में रहकर विस्तृत रूप से अपभ्रंश भाषा एवं व्याकरण पर शोधकार्य करने के लिए प्रेरित किया और सुविधायें भी प्रदान करवायी। उन्होंने आचार्य द्विवेदी के निर्देशन में सूत्रशैली और अपभ्रंश व्याकरण पर किये गये शोध कार्य को नागरीप्रचारिणी सभा से पुस्तक रूप में प्रकाशित भी करवाया। लेखक की अन्य प्रकाशित कृतियाँ आंचलिक उपन्यास शीघ्र प्रकाश्य (i) करवटें (i) तेरे द्वारे (आंचलिक उपन्यास) (ii) नैना निहारे तेरे ऑगन (ii) अतीत के रेखाचित्र (संस्मरण) (iii) गंगा की रेत (ii) हिन्दी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास भाषा एवं व्याकरण (iv) पाणिनि (उपन्यास) (i) व्याकरण पारिजात (हिन्दी व्याकरण) (ii) हिन्दी भाषा का रचना विधान (iii) सूत्र शैली एवं अपभ्रंश व्याकरण (iv) हेमचन्द्र के अपभ्रंश सूत्रों की पृष्ठभूमि (अपभ्रंश भाषा का भाषा वैज्ञानिक अध्ययन)

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