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रचीए, पूजा नृत्य वाजींत्र ॥ भावे भावना जावीए, कीजें जन्म पवीत्र ॥ ३ ॥ त्रीहुं काले लेइ धुप दीप, प्रभु आगल कीजें ॥ जिनवर केरी भगतीमुं. अवीचल सुख लीजे ॥ ४ ॥ जिनवर पूजा जिन स्तवन, जिननो कीजें जाप ॥ जिनवर पदने ध्याइए, जीम नावें संताप ॥५॥ कोड कोड गुण फल दीए, उत्तर उत्तर भेद ॥ मान कहे ए वीध करो. ज्युं होय भवनो छेह ॥ ६॥ इति
॥ वीसस्थानक नाम चैत्यवंदन लिख्यते ॥ ॥ पहिले पद अरिहंत नमुं॥ बिजे सरव सिद्ध ॥ त्रीजे प्रवचन मन धरो ॥ आचारज सिद्ध ॥ १ ॥ नमोथेराणं पांचमे ॥ पाठक गुण छठे ॥ नमोलोए सव्वसाहणं. जे छे गुण गरीठे ॥ नमो नाणस्स आठमे, दरसण मन भावो ॥ विनय करी गुणवंतनो ॥ चारित्र पद ध्यावो । नमो बंचवय धारिणं ॥ तेरमें कोरियाणं ॥ नमो तवस्स चौदमे ॥ गोयम नमोजिणाणं ॥४॥ चारित्र ज्ञान सुअस्सनें ए, नमो ती
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