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जेहजी ॥ काजलने जस किम होवे, मेघो मायों तेहजी ॥ भ० ॥ २० ॥ मेहरे सीखर चढावीओ, नाम राख्यां जगमाहेजी ॥ मूरत थापी पासनी, संघ आवे उछांहेजी ॥ भ० ॥ २१ ॥ देश परदेशी आवे घणा, आवे लोक अनेकजी ॥ भाव धरी भगवंतने, वांदे अनेक विवेकजी ॥ भ० ॥ २२ ॥ संवत चौद चमालमां, देरे प्रतिष्ठा कीध ॥ महिओ मेरो मेघातणो, रंगे जगमां जस लीधजी ॥ भ० ॥ २३ ॥ खरचे प्रव्य घणां तिहां, राय राणा तिणवारजी ॥ मानता माने लाखनी, टाले कष्ट अपारजी ॥ भ० ॥ २४ ॥ निर्धनीयाने धन दीये, अपुत्रीयाने पुत्रजी ॥ रोग निवारे रोगीनां, टाले दारिद्र सूत्रजी ॥ भ० ॥ २५ ॥
॥ ढाल ॥ १५॥ धनाश्री आज अमघर रंगव, धामणां, आज त्रुगा गोडीपास॥ आज चिंतामण आ. वी चढ्यो, आज सफल फली मन आश ॥ आ०॥ ॥ २६ ॥ आज सुरतरु फलिओ आंगणे, आज प्रगटी मोहनवेल ॥ आज बिछडीया वाला मिल्या, आज अमघर हुइ रंगरेल ॥ आ० ॥ २७ ॥ आज अमघर
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