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ब्रह्मचर्य दर्शन की आग भड़काने वाले हैं, कुलीनता और शिष्टता के लिए चुनौती हैं, और समग्र सामाजिक वायु-मंडल को विषमय बनाने वाले हैं।
मैं नहीं समझ पाता, कि जो पुरुष और नारियां ऐसे अवसर पर इतनी निम्न मनोदशा पर पहुंच जाते हैं, उन्होंने वर्षों की अध्यात्म-साधना से क्या प्राप्त किया ? उनकी साधना ने सचमुच ही अगर कोई आध्यात्मिक चेतना उत्पन्न की थी, तो वह सहसा कहां गायब हो गई ? इससे तो यही निष्कर्ष निकलता है, कि उनकी वर्षों की साधनाएँ ऊपर की ऊपर ही रहीं। वे यों ही आई और यों ही तैर गईं। उन्होंने जीवन की गहराई को कोई स्थायी दिव्य संस्कार नहीं दिया। यह निष्कर्ष भले ही कटु है, पर मिथ्या नहीं है, साथ ही हमारी आँखें खोल देने वाला भी है।
यह समझना गलत है, कि वे भद्दे गीत क्षणिक और मन की तरंग-मात्र हैं। जलाशय में जल की तरंग उठती हैं, पर तभी उठती हैं, जब उसमें जल जमा होता है । जहाँ जल ही न होगा, वहाँ जल-तरंग नहीं उठेगी। इसी प्रकार जिस मन में अपवित्रता और गन्दगी के कुसंस्कार न होंगे, उस मन में अपवित्र गीत गाने की तरंग भी नहीं उठनी चाहिए। अतएव यही अनुमान किया जा सकता है, कि मन में विकार जमे बैठे थे, प्रसङ्ग आया तो बाहर निकल आए।
___बहुत से लोग बात-बात में गालियाँ बकते हैं । उनकी गालियां उनकी असंस्कारिता और फूहड़पन को सूचित करती हैं, परन्तु यहीं उनके दुष्परिणाम का अन्त नहीं हो जाता । उनकी गालियां समाज में कलुषित वायु-मण्डल का निर्माण करती हैं । उनकी देखा-देखी छोटे-छोटे बच्चे भी गालियाँ बोलना सीख जाते हैं। जिन फूलों को खिलने पर सुगन्ध देनी चाहिए, उनसे जब हम अभद्र शब्दों और गालियों की दुर्गन्ध निकलती देखते हैं, तब दिल मसोस कर रह जाना पड़ता है । मगर बालकों की उन गालियों के पीछे वे बड़े हैं, जो विचार-हीनता के कारण जब-तब अपशब्दों का प्रयोग करते रहते हैं।
जिस समाज में इस प्रकार की दूषित विचार-धारा बह रही हो, उस समाज की भविष्यकालीन अगली पीढ़ियाँ देवता का रूप लेकर नहीं आने वाली हैं । अगर आपके जीवन में से राक्षसी वृत्तियों नहीं निकली हैं, तो आपकी सन्तान में दैवी वृत्तियों का विकास किस प्रकार हो सकता है ? देवता की सन्तान देवता बनेगी, राक्षसों की सन्तान देवता नहीं बन सकती।
यह बातें छोटी मालूम होती हैं, परन्तु छोटी-छोटी बातें भी समय पर बड़ा भारी असर पैदा करती हैं। ___भारत के एक प्राचीन दार्शनिक आचार्य ने परमात्मा से बड़ी सुन्दर प्रार्थना करते हुए कहा है
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