Book Title: Arhat Vachan 2002 04
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

View full book text
Previous | Next

Page 41
________________ 22. अणुओगद्दाराई, सूत्र 415 / 1, समयावलिय- मुहुत्ता, दिवसमहोस्त- पक्खमासा य संवच्छर- जुग पलिया, सागर ओसप्पि परियट्टा । (ख) अंगसुत्ताणि 2, 11 / 119 23. (क) वाणं, 4/134 24. भगवतीवृत्ति पत्र 533 प्रमीयते परिच्छिद्यते येन वर्षशतादि तत् प्रमाणं सचासौ कालश्चेतिप्रमाणकाल... अद्वाकालस्य विशेषो दिवसादिलक्षणः । 25. भगवतीवृत्ति पत्र 533 26. वही, वृत्ति पत्र 533 27. वही, वृत्ति पत्र 533 28. अंगसुत्ताणि 2, ( भगवई) 2 / 122 29. द्रव्यानुयोगतर्कणा, 10 / 14, तुलनीय पातंजलयोगदर्शनम्, 3/52, यावता वा समयेन चलितः परमाणुः पूर्वदेशं जह्यादुत्तरप्रदेशमुपसम्पद्येत स कालः क्षणः । 30. अणुओगद्दाराई, सूत्र 417 31. उत्तरज्झयणाणि, 28 / 10, वत्तणां लक्खणो कालो । 32. तत्वार्थवार्ति, 5/22/4, प्रतिद्रव्यपर्यायमन्तमतिकसमया स्वसत्तानुभूतिर्वर्तना । 33 तत्वार्थसूत्र, 5 / 22 वर्त्तना परिणामः क्रिया परत्वापरत्वे च कालस्य । 34 तत्वार्थवार्तिक, 5 / 22 / 25. मनुष्यक्षेत्रसमुत्थने ज्योतिर्गतिसमयावलिकादिना परिच्छिन क्रियाकलापेन कालवर्तनया कालाख्येन ऊर्ध्वमास्तिर्यक च प्राणिनां संख्येयाऽसंख्येयाऽनन्तानन्तकालगणनाप्रभेदेन कर्मभवकायस्थितिपरिच्छेदः सर्वत्र जघन्य मध्यमोत्कृष्टावस्थाः क्रियते। - 35. Hawking, Stephen, Brief History of Time, New York, 1990, P. 143 36. षड्दर्शनसमुच्चय (डॉ. महेन्द्रकुमार जैन, दिल्ली, 1997) वृ.पू. 16, कालः पचति भूतानि कालः संहरति प्रजाः। कालः सुप्तेषु जागर्ति, कालो हि दुरतिक्रमः ॥ प्राप्त : 06.05.2002 - Jain Education International JINAMANJARI THIS ISSUE EXPLORES JAINA MATHEMATICS जैन विद्या का पठनीय षट्मासिक JINAMANJARI Editor Periodicity : Publisher : Contact : अर्हत् वचन, 14 (23), 2002 : S.A. Bhuvanendra Kumar Bi-annual (April & October) Brahmi Society, Canada-U.S.A. Dr. S.A. Bhuvanendra Kumar 4665 Moccasin Trail, MISSISSAUGA, ANTARIO, Canada 14z2w5 For Private & Personal Use Only 39 www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148