Book Title: Arhat Vachan 2002 04
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 148
________________ I.S.S.N. 0971-9024 अर्हत् वचन भारत सरकार के समाचार-पत्रों के महापंजीयक से प्राप्त पंजीयन संख्या 50199/88 ज्ञानपान कन्दपुल सिम्ममागंमचारिमुबत्तांचे पहरोणिहादेतहाभाबारे मारा। रिगोशामो प्रयाणाणमासम्म जेबानेमाहिरामाजिब्बेजोगममा स्वामी श्री दि. जैन उदासीन आश्रम ट्रस्ट, कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर की ओर से देवकुमारसिंह कासलीवाल द्वारा 584, महात्मा गांधी मार्ग, इन्दौर से प्रकाशित एवं सुगन ग्राफिक्स, सिटी प्लाजा, म. गा. मार्ग, इन्दौर फोन : 538283 द्वारा मुद्रित। मानद सम्पादक - डॉ. अनुपम जैन /

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