Book Title: Arhat Vachan 2002 04
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 146
________________ 144 कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ पुरस्कार श्री दिगम्बर जैन उदासीन आश्रम ट्रस्ट, इन्दौर द्वारा जैन साहित्य के सृजन, अध्ययन, अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर के अन्तर्गत रुपये 25,000 = 00 का कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रतिवर्ष देने का निर्णय 1992 में लिया गया था। इसके अन्तर्गत नगद राशि के अतिरिक्त लेखक को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न, शाल, श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया जाता है। 1993 से 1999 के मध्य संहितासूरि पं. नाथूलाल जैन शास्त्री ( इन्दौर), प्रो. लक्ष्मीचन्द्र जैन (जबलपुर), प्रो. भागचन्द्र 'भास्कर' (नागपुर), डॉ. उदयचन्द्र जैन (उदयपुर), आचार्य गोपीलाल 'अमर' (नई दिल्ली), प्रो. राधाचरण गुप्त (झांसी) एवं डॉ. प्रकाशचन्द्र जैन ( इन्दौर ) को कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष 2000 एवं 2001 हेतु प्राप्त प्रविष्टियों का मूल्यांकन कार्य प्रगति पर है। वर्ष 2002 हेतु जैन विद्याओं के अध्ययन से सम्बद्ध किसी भी विधा पर लिखी हिन्दी / अंग्रेजी, मौलिक, प्रकाशित / अप्रकाशित कृति पर प्रस्ताव 30 दिसम्बर 02 तक सादर आमंत्रित हैं। निर्धारित प्रस्ताव पत्र एवं नियमावली कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ कार्यालय में उपलब्ध है। देवकुमारसिंह कासलीवाल अध्यक्ष 30.09.2002 Jain Education International जम्बूद्वीप पुरस्कार समर्पित दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान, हस्तिनापुर (मेरठ) द्वारा वर्ष 2000 से प्रवर्तित जम्बूद्वीप पुरस्कार के अन्तर्गत रु. 25,000/- की नगदराशि, शाल, श्रीफल एवं रजत प्रशस्ति प्रदान की जाती है। डॉ. अनुपम जैन मानद सचिव वर्ष 2000 का पुरस्कार इंजी. श्री के. सी. जैन (हस्तिनापुर) को दिल्ली में समर्पित किया गया था। वर्ष 2001 एवं 2002 के पुरस्कार क्रमश: ज्योतिषज्ञ श्री धनराज जैन (अमीनगर सराय) तथा डॉ. शेखरचन्द्र जैन (अहमदाबाद) को 20.10.2002 को पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के ससंघ सान्निध्य में तीर्थंकर ऋषभदेव तपस्थली, प्रयाग में समर्पित किये गये । पुरस्कृत विद्वानों को कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ परिवार की ओर से बधाई । For Private & Personal Use Only अर्हत् वचन, 14 (23), 2002 www.jainelibrary.org

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