Book Title: Arhat Vachan 2002 04
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 147
________________ डॉ. अनुपम जैन, इन्दौर 'जैन राष्ट्र गौरव' अलंकरण से विभूषित भगवान महावीर 2600वें जन्म जयंती महोत्सव वर्ष में देश के प्रख्यात पत्रकार, समाजसेवी एवं शाकाहार कार्यकर्ता डॉ. चिरंजीलाल बगड़ा के संयोजकत्व में गठित अखिल भारतीय दिगम्बर जैन प्रतिभा सम्मान समारोह समिति का गठन एक वर्ष पूर्व किया गया था । समिति ने इस योजना का सुनियोजित ढंग से प्रचार किया, फलतः सम्पूर्ण देश से शिक्षा, साहित्य, विज्ञान, खेलकूद, संगीत, चिकित्सा आदि विविध क्षेत्रों की 338 प्रतिभाओं के प्रस्ताव प्राप्त हुए । विशेषज्ञों की सूक्ष्मपरीक्षण समिति ने प्रथम चरण में 60 प्रतिभाओं का चयन किया, तदुपरान्तइन60 प्रस्तावों का पाँच सदस्यीय अखिल भारतीयनिणायकमडलद्वारामूल्याकनकर सर्वश्रेष्ठ 26 प्रतिभाओकाचयनवि निर्णायक मंडल निम्नवत् था- (1) श्री प्रदीपकुमारसिंह कासलीवाल (इन्दौर),(2) प्राचार्य नरेन्द्रप्रकाश जैन (फिरोजाबाद),(3) श्री बाबूभाई गांधी (अकलूज-महाराष्ट्र),(4) श्री मिलापचन्द डंडिया (जयपुर) तथा (5) डॉ.चिरंजीलालबगड़ा (कोलकाता) |चयनित प्रतिभाएँ निम्नवत् हैं मास्टर नितिनजैन-सहारनपुर,मास्टर आयुष जैन-मेरठ,श्रीमतीअंजलीजैन-नई दिल्ली,डॉ.डी. सी. जैन - लखनऊ, कु. पल्लवी कासलीवाल-नासिक, कुमारी स्नेहा गांधी-सोलापुर, श्री पार्श्वनाथ उपाध्येबेलगाँव, कु. आकृति आहा-बिलासपुर, डॉ. अनुपम जैन - इन्दौर, श्री विजयदादा आवति-जयसिंगपुर, सौ. सुरेखा सी. शाहा - सोलापुर, श्री सुल्तानसिंह जैन-रूड़की, डॉ. प्रेमचन्द गोदरे-सागर, डॉ.जी. जवाहरलालहैदराबाद, श्री सुधीर जैन-सतना, श्रीमती अर्चना पाटनी-थाने, कुमारी सारिका जैन-तेजपुर, श्री डी.एन. अक्की-गुलबर्गा, श्री सुरेश जैन-नई दिल्ली, प्रो. चन्द्रसेनकुमार जैन-भुवनेश्वर, कु. इन्दू जैन-वाराणसी, प्रो. भागचन्द्र भागेन्दु'-दमोह, कु. अस्मिता काला-जयपुर, डॉ. संदीपनारद-इन्दौर, श्री एस. एम. जैन-कोटा,श्री मिश्रीलाल जैन-गुना। जैनाचार्यों के गणितीय अवदान का विशिष्ठ अध्ययन कर जैन गणित के शोधके माध्यम से राष्ट्र एवं समाज निर्माण में विशिष्ट योगदान देने वाले डॉ.अनुपम जैन, इन्दौर को कोलकाता के भव्य विज्ञाननगरीसभागार (साइंस सिटी आडिटोरियम) में 15 अप्रैल 2002 को 'जैन राष्ट्र गौरव' अलंकरण से सम्मानित किया गया । इस अलंकरण मेंधातुनिर्मित भव्य प्रतीकएवं काष्ठांकित प्रशस्तिभी प्रदान कीगई। इस अवसर पर डॉ. जैन ने जैन गणितीय परम्परा के इतिहास पर प्रकाश डाला । कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ के अध्यक्ष श्री देवकुमारसिंह कासलीवाल, होल्कर स्वशासी विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.नरेन्द्र धाकड़, पूर्व कुलपति प्रो. ए. ए. अब्बासी, ज्ञानपीठ के अन्य निदेशकों, प्रसिद्ध शिक्षाविदों, समाजसेवियों एवं प्रबुद्धजनों ने डॉ. अनुपम जैन को बधाई दी। जयसेन जैन सम्पादक-सन्मति वाणी PENSURANUSenu

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