________________
आयंबिलअ-य ]
( ६३ )
- घट्टमाण न० ( - वर्द्धमान ) यो परस ત્રણ માસ અને ૨૦ દિવસે થતુ એક તપ * જેમાં એક આયંબિલને પારણે; એક ઉપવાસ કરી, એ આયંબિલ કરવામાં આવેછે; વલી એક ઉપવાસ કરી ત્રણ આયંબિલ; એમ એકેક આયંબિલ વધારતાં ૧૦૦ આયંબિલ સુધી ચઢાય छे चौदह वर्ष, तीन मास और २० दिनतक होनेवाला तप जिसमें कि एक आयंबिल के पारणा के बाद एक उपवास करके उसके बाद दो आयंबिल किये जाते हैं. फिर एक उपवास तीन आयंबिल, इस प्रकार बढाते बढाते १०० आयंबिल तक किये जाते हैं. पारणा के बाद एक उपवास होता है. इस रीति से चौदह वर्ष ३ मास २० दिन में यह तप पूर्ण होता है. an austerity extending over 14 years three months and 20 days; here one performs one Ayambila followed by a fast, then two, followed by a fast, then three, followed by a fast and so on up to 100 Āyambilas अंत०८, १०; श्रव० १६;
आयंबिल - य. पुं० ( श्राचाम्लिक ) यांसनुं तप १२२. आंबेल - आमंत्रित का तर करनेवाला. One who performs the austerity known as Ayambila.
परा० २, १ ठा०५, १; आर्यभर. त्रि० ( श्रात्मम्भर - श्रात्मानं बिभर्ति पुण्यातीत्यात्मम्भर: ) स्वार्थी; योता पोषयु२नार स्वार्थी; अपनाही पोषण करनेवाला. Selfish. " श्रयंभरेणाममेगे णो परंभरे " ठा० ४, ३; श्रयंस. पुं० ( श्रादर्श-ग्रासमन्ताद्द्दश्यते यस्मिन् स आदर्श ) सो;
Jain Education International
दर्पण; थायना; कांव. A mirror, a looking-glass. जं० प० ५, १२०; राय ४८, ११८: - घर न० ( - गृह ) रिसा भुवनः यतुं घर. कांच का घर; शीश महल. a house made of glass or mirrors. जं० प०३, ७०० - घरग. पुं० ( - गृहक) लु उसे शह देखो ऊपर का शब्द vide above. राय ० १३६६ - तल न० ( - तल ) गरिसानुं ती. दर्पण का पेंदा. the surface of a mirror. ओ० तलवम. त्रि० ( - तलउपम-यादर्शो दर्पणस्तस्य तलं तेन समतयांपमा यस्य श्रादर्शतलोपमः ) અરીસાના તલી જેવું सिधुं- सपाट. दर्पण के पेंदे के समान समतल level like the surface of a mirror. राय० - मंडल न० ( मण्डल - थादर्श व मण्डलमस्य तदादर्शमण्डलम् ) અરીસાને આકારે મંડલ-ગુંલે વાલનાર सर्पनी मे लन. दर्पण के आकार का मंडल करनेवाला एक जात वा सर्प & kind of serpent forming itself into the shape of 2t mirror circular in form. ( २ ) (श्रादश मण्डलमिवादर्शमण्डलम् ) मंडलाअरे गोडवे अरीसा. मंडलाकार सजाये हुए दर्पण. a circle formed of mirrors. श्रासमंडल इवा " जं० प० पन्ह० १, 2; - fam. t. (-fafa) e ond.il झिभिमानी : क्षिपि. १८ प्रकार की लिपियों में से एक लिपि, one of the 18 kinds of script. पन्न० १; |श्रयंसंग. पुं० ( दर्शक ) सहनी डाउनु आभरण बैल के गर्दन का एक गहना. A neck-ornament of an ox. गुजे० ६६६
ce
[ श्रायसग
For Private Personal Use Only
www.jainelibrary.org