Book Title: Apna Darpan Apna Bimb Author(s): Mahapragna Acharya Publisher: Jain Vishva Bharati View full book textPage 7
________________ __योगक्षेम वर्ष की प्रवचनमाला उक्त वैशिष्ट्य से अनुप्राणित है। इसमें शाश्वत और सामयिक सत्यों का अद्भुत समावेश है। इसकी उपयोगिता योगक्षेम वर्ष के बाद भी रहेगी, इस बात को ध्यान में रखकर प्रज्ञापर्व समारोह समिति ने महाप्रज्ञ के प्रवचनों को जनार्पित करने का संकल्प संजोया। अपना दर्पणः अपना बिम्ब उसका पांचवां पुष्प है, जो ठीक समय पर जनता के हाथों में पहुंच रहा है। जिन लोगों ने प्रवचन सुने हैं और जिन्होंने नहीं सुने हैं, उन सबको योगक्षेम यात्रा का यह पाथेय आत्म-दर्शन की प्रेरणा देता रहेगा और उनकी चेतना के बंद द्वारों को खोलकर प्रकाश से भर देगा, ऐसा विश्वास है। आचार्य तुलसी २१ अक्टूबर १६६१ जैन विश्व भारती, लाडनूं (राज०) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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