Book Title: Anusandhan 2020 02 SrNo 79
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 16
________________ जान्युआरी - २०२० सञ्जाता पञ्चकल्याणी यस्यां मङ्गलकारिणी । सैकादशी तिथिौन-व्रतपौषधपोषिनी(णी) ॥५१॥ पञ्चाशज्जिननाथानां कल्याणकानि रेजिरे । यस्यां सैकादशी मार्ग-शीर्षजा सा श्रिये सिता ॥५२॥ एवं --गुरोलं- श्रीहेमविमलप्रभोः । त्रिंशत्तीर्थाधिराज(जा)स्ते स्तुता नाम्ना मया जिनाः ॥५३॥ एवं नव्यनमस्कारा रचितागममण्डनाः । त्रिंशत्तीर्थकरा मयं सृजन्तु सुखसम्पदः ॥५४॥ इति श्रीत्रिंशत्तीर्थकरस्तोत्रम् । कृतिरियं पण्डितहर्षकल्लोलगणेः ॥श्रीः।।

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