Book Title: Anusandhan 2020 02 SrNo 79
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
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जान्युआरी - २०२०
॥ गुरूगीतम् ॥
॥ राग-केदारो ॥ श्रीबिजइदेवसूरी गुरु मेरा, दा(?) इंम मई पेखत मुखडा तेरा, तोही तोलइ नांही अवनी अनेरा, सुजस कहत सब सहगुरु केरा.
१ श्रीबिजइ... साह थेरा-सुत सुगुण भलेरा, जिनइ कीने कुमती सब जेरा, पंच महाव्रत पालण धीरा, सायरथिं गुरु मेरा गंभीरा. २ श्रीबिजइ... अवल असुल अमुल ए हीरा, टारत भवदुख केरी पीरा, बोलत बानी मीठी जसी खीरा, कनकसौभाग्य कहत एही गुरु मेरा
३ श्री बिजइ... ॥ इति गुरुगीतम् ॥
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