Book Title: Anusandhan 2020 02 SrNo 79
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 75
________________ अनुसन्धान-७९ चउवट चउक हट-श्रेणि, सोहि अति भली, छजां सहीत सणगारीआं ए, वणजइ वरण अढार, विपारी घणा, सात वसन तीहां वारीआं ए. अछोगालउ अति, आछां अंगि ए, नर नारी पटकुल धरि ए, मंदिर मंदिरमांहि, नारी पदमनी, चतुर जननां चीत हरि ए. जिन-वीहार तीहां सार, पोढी पोसाल, साधुजने अलंकरी ए, विवहारीआ सुववेक, लख्यमी लख्यपती, विविध वस्तु दीसइ घरी ए. साह थरु तीहां मुख्य, विवहारी वडउ, सीलवंत सुखीउ सदा ए, पालि जिनवर आण, आदर अति घणि, धर्म तणी धरि धुरा ए. तस घरि घरणी सार, रूपां नामइ ए, सीलवंत सुलख्यणी ए, विनय विवेक विचार, जाणि जुगति ते, धर्म तणी ते रागणी ए. करि भगति भलि भावि, साध साधवी, प्रतिलाभी पोति जमइ ए, नीज भरतारसु प्रेमि, बोलि बोलडां, सखी-वंद साथि रमइ ए. छपर पलिंग सुभ रंगि, रूडु राजतु, लाल तलाइ पाथरी ए. उसीसु सुकमाल, उपेरि अति भलु, ओढणि साडी सावटु ए.

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