Book Title: Anusandhan 2020 02 SrNo 79
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 90
________________ जान्युआरी - २०२० जइराज ठार जसवीर भाइ भगताजी, लाइ ठार कुंअर ठार द्रवि सगताजी, कुअरजी गांधी नाम सघलि सुणिइजी, करावउ जिनवीहार कावी भणीइजी. कालउ साह पासवीर साहिज्य सुहालाजी, बोलइ वचन रसाल सयल गुण-मालाजी, इम खंभायति संघ [सघ]लउ दीपइजी, कुमती तणा तीहां बंद लाजी छपइजी. श्रीमल साह आवास आनंदकारीजी, मलउ चतुरविध संघ इंद्र-अवतारीजी, मीठी मधुरी वाणि अमृत-तोलिजी, श्रीविमलहर्ष सुणउ वात श्रीपूज्य बोलिजी. तुम्हे छउ गुण गंभीर आनंदकारीजी, तेडउ विद्याविजइ वार वेला सारीजी, नीसुणी श्रीगुरुवाणि आणंद पावइजी, विद्याविजइनइ पास उवझाय आवइजी. पधारू श्रीगुरु पास तुम्ह बोलावइजी, तुम्ह दरिसन देव समानि सहुअ सुहावइजी, पुछइ विद्याविजइ ताम काम सु कहीइजी, नीज पद देवा काय एहवं लहीइजी. ए भार मई न झलाय श्रीपुज्य कहीइजी, तुम्ह चरणे नीस दीस अम्हो रहीइजी, वलता बोलइ आंम वाचक वारूजी, पुरव कीधां पुन्य तेह संभारुजी. इंम कही तेणी वार झाल्या हाथिजी, आणा श्रीपुज्य पास उवझाय साथिजी, समोसरण आकारि नांदि मंडाविजी, चउमुख प्रतिमा च्यार भली भाविजी.

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