Book Title: Anusandhan 2020 02 SrNo 79
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
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अनुसन्धान-७९
यस्तेऽष्टादशचित्रचक्रविमलं वीर स्तवं सश्रियं भक्त्यैवं कुलमण्डनो (?) ततमहाज्ञानातनुश्रीशुभ । मुक्त(क्ति) श्रीयुत चन्द्रशेखरगुरुप्राज्यप्रसादादमुं तं ताताववरः स शांततमसं भासा ततः संततं ॥ २० ॥ परिधिकाव्यम् चक्रयोमुखशूलशंखसहिते सुश्रीकरी चामरे सीरं भल्लशरासने असिलता शक्त्यातपत्रे रथः । कुम्भार्धभ्रमपंकजानि च शरस्तस्मात्रिशूलाशनी चित्रैरेभिरभिष्टुतः शुभधियां वीर त्वमेधि श्रिये ॥ २१ ॥ इति चित्रबन्धवीरजिनस्तवनं सम्पूर्णम् । कृतं ग. ऋद्धिविजयेन
(खरतरगच्छभंडार, मांडवी, क्र. १०४/१९९१)

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