Book Title: Anusandhan 2020 02 SrNo 79
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
View full book text
________________
जान्युआरी - २०२०
६३
५७. सांबाला = शणगारेला सांबेला । ८५. ददामां = नगारु ५८. पंचसबद = पांच वाद्योनो मंगलसूचक | ८६. दडदडी = एक प्रकारनो ढोल ध्वनि
८७. भेरी = शरणाइना प्रकारचें एक ५९. णील-सली = लीला घांसनी (कांडी) | मुखवाद्य नानी लाकडी
८८. नफेरी = नानो ढोल ६०. नवाणि = बहोळा पाणीवाळां स्थानो, ८९. ताल = एक प्रकारचं वाद्य, करताल जळाशय
९०. कंसाल = कांसा जोडी जेवू एक वाद्य ६१. जणनी = जनने, व्यक्तिने ९१. सांचरा = संचर्या, गया ६२. हाथापीइ = हाथ-आपीइ, सहाय करवी | ९२. सागुटि = "सागवटी" नामनो पाटणनो ६३. आंबलि = आयंबिल
एक महोल्लो ६४. बहइकई = प्रसरे-बहेके
९३. परवरा = परिवरेला ६५. जसइ = जेवा
९४. फोफां = सोपारी ६६. तसइ = तेवा
९५. जाचां = उंची जातना (?) ६७. महुलि = मोवडी, अग्रणी ९६. कणय = सुवर्णना ६८. पिहिलउ = पहेलो
९७. कभाइ = झभ्भा, अंगरखा ६९. असु = एम
९८. सामी = स्वामी ७०. हेषता = हणहणता, हर्षारव करतां ९९. थानक = स्थानक ७१. राज-वाहण = हाथी राजानुं वाहन १००. वलंब = विलंब ७२. वागा = वस्त्रो
१०१. दाढउ = दिवस ७३. मोलीआ = फेंटा
१०२. पहउरमांहि = प्रहरमां ७४. गोकणीउ = वेणी साथे गुंथवामां आवतुं | १०३. संचि = रचना करे (?) आभूषण
१०४. कथीपउ = वस्त्र विशेष, मखमलनी ७५. फावती = धारण करती (?)
एक जात ७६. वांकडी = वांकी
१०५. चीणी = वस्त्रविशेष ७७. वाटलां = गोळ आकारवाळा १०६. रज्यत-तारी = चांदीना तारवाळु ७८. बिसती = बेसती, पहेरती (?) १०७. अभीराम = मनोहर ७९. घाटडी = लाल बांधणीनी ओढणी | १०८. झुमणां = कान, घरेणुं, झुंबनक ८०. मोतीजडउ = सेंथानुं आभूषण १०९. चुआ = विविध सुगंधी द्रव्योना ८१. मरकलि = मंद हास्य करती (?) मिश्रणवाळु एक द्रव्य ८२. आलती = आपती
११०. प्रीमल = परिमल, सुगंध ८३. वींछीआ = पगनी आंगळीमां पहेरातुं १११. काय = काजे, माटे आभूषण
११२. मांडी = पूरणपोळी जेवी रोटली ८४. बांहडी = हाथ उपर
११३. फीणी = सुतरफेणी

Page Navigation
1 ... 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110