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अनेकान्त 69/1, जनवरी-मार्च, 2016
श्रद्धांजलि
श्रीमती हेमबाला जैन को
भावभीनी श्रद्धांजलि ख्याति प्राप्त समाजसेवी एवं वीर सेवा मन्दिर के कार्यकारिणी सदस्य श्री श्रीकिशोर जैन जी की धर्मपत्नी श्रीमती हेमबाला जैन का बीमारी से संघर्ष करते हुए 20 अक्टूबर, 2015 को देवलोक गमन हो गया। आप एक धर्मपरायण, सामाजिक सेवा में अग्रणी, कुशल गृहणी, कलम की धनी, साहित्य एवं जैनदर्शन में अभिरूचि रखने वाली एक विनयवान महिलारत्न थीं।
सहारनपुर (उ.प्र.) में जन्मी, आपके पिता श्री ललताप्रसाद जैन मिलिट्री इन्जीनियरिंग सर्विस में रहते हुए 1942 के द्वितीय युद्ध में भाग लिया था। श्री श्रीकिशोर जैन के साथ 1960 में विवाह हुआ। आज श्री श्रीकिशोर जैन की जैनसमाज दिल्ली में किसी पहचान की आवश्यकता नहीं है। आपने 108 बार से अधिक श्रीशिखरजी की यात्राएं सम्पन्न की तथा सम्मेदशिखर शाश्वत ट्रस्ट से आप सम्बद्ध हैं। ऐसे व्यक्तित्व के धनी की आप सशील पत्नी थीं, जिन्होंने परिवार में वही भूमिका का निर्वाहन किया जो एक पर्दे के पीछे से निर्देशक करता है।
लेखन आपकी अभिरूचि का प्रमुख गुण रहा है और सत्तर के दशक में वे धर्मयुग, साप्ताहिक हिन्दुस्तान, मनोरमा, सरिता, मुक्ता, कादम्बनी और वामा जैसी राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं में नियमित लेख लिखती रहीं।
वीर सेवा मंदिर के समस्त पदाधिकारीगण, अध्यक्ष एवं महामंत्री ने ऐसी धर्मपरायण एवं विदुषी महिला के निधन पर हार्दिक शोक प्रकट किया है एवं उनकी आत्मा की सद्गति एवं सुख-शांति के लिए प्रभु से प्रार्थना की।
- समस्त वीर सेवा मंदिर परिवार