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अनेकान्त 69/2, अप्रैल-जून, 2016
आध्यात्मिक - भजन
श्री जिनवर दरश आज
श्री जिनवर दरश आज, कतर सौख्य पाया ।। अष्ट प्रातिहार्य सहित, पाय शान्ति काया ।।
श्री जिनवर दरश आज
वृक्ष है अशोक जहां, भ्रमर गान गाया। सुन्दर मन्दार-पुष्प, वृष्टि होत आया।।
श्री जिनवर दरश आज
ज्ञानामृत भरी वानि खिरै, सकल भ्रम नसाया। विमल चमर ढोरत हरि, हृदय भक्ति लाया।।
श्री जिनवर दरश आज
सिंहासन प्रभा चक्र, बाल जग सुहाया। देव दुन्दुभी विशाल, जहां सुर बजाया।।
श्री जिनवर दरश आज
मुक्ताफल माल सहित, छत्र तीन छाया। भागचन्द्र अद्भुत छवि, कही नहीं जाया।।
श्री जिनवर दरश आज
-कवि भागचन्द्र