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अनेकान्त 69/2, अप्रैल-जून, 2016
समाचार
मांगीतुंगी में अद्भुत पंचकल्याणक एवं
महामस्तकाभिषेक महोत्सव संपन्न आर्यिका शिरोमणि श्री ज्ञानमती माता जी की प्रेरणा से प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चन्दनामती माता जी के मार्गदर्शन में एवं स्वस्ति श्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामी जी के कर्मठ, कुशल नेतृत्व में मांगी चोटी से सटे हुए पर्वत को काटकर अखण्ड पाषाण में विश्व की प्रथम 108 फीट ऊँची भगवान् आदिनाथ की खड़गासन प्रतिमा का मेसर्स मूलचन्द्र रामचन्द्र नाठा, जयपुर के सौभाग्यशाली कलाकारों के द्वारा निर्माण किया गया है। प्रतिमा के आगे 125 फीट ऊँची चट्टानों को काटकर 14 हजार वर्ग फीट का प्लेटफार्म बनाया गया है। प्रतिमा के पीछे करीब 60 प्रतिशत ऊँचाई तक पाषाण खण्ड जुड़ा है। प्रतिमा के चारों ओर परिक्रमा पथ है। यह प्रतिमा पूर्वमुखी है और इसकी दृष्टि मांगी एवं तुंगी पर्वत के बीच में पड़ती है। सूर्य जब दक्षिणायन होता है तब प्रतिमा पर सूर्य का पूरा प्रकाश पड़ता है। सूर्य के उत्तरायण होने पर सूर्य का प्रकाश प्रतिमा पर नहीं आता है एवं पर्वत की परछाई पड़ती है। किसी भी ऋतु में प्रतिमा के समक्ष बैठकर दर्शक अपूर्व आनन्द और प्रसन्नता प्राप्त करते हैं।
इस अद्वितीय प्रतिमा का पंचकल्याणक 11 से 17 फरवरी, 2016 के बीच और महामस्तकाभिषेक का शुभारंभ 18 फरवरी, 2016 को हुआ। इसमें अनेकों आचार्य एवं मुनिगण का भी सान्निध्य श्रावकजनों को प्राप्त हुआ। कार्यक्रम में महाराष्ट्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फड़नवीस एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और समाज के श्रेष्ठिजन तथा विद्वानों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
___उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र प्रदेश के नासिक जिले में प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर मांगीतुंगी जैनधर्म का महत्त्वपूर्ण तीर्थक्षेत्र है। यहाँ आत्मा पवित्रतम स्थिति में पहुंचकर पूरी तरह से प्रकाशित हो जाती है। क्योंकि यहां से श्रीराम, बलराम आदि महान् आत्माओं ने मोक्षपद की प्राप्ति की थी। एक बहुत ऊँचे पर्वत की दो ऊँची और खड़ी चट्टानें पश्चिम की