Book Title: Anchalgacchiya Pratishtha Lekho Part 01 and 02
Author(s): Parshwa
Publisher: Akhil Bharat Anchalgaccha Vidhipaksha Shwetambar Jain Sangh
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( ३९४ ) श्री मुंबईना माटुंगा विभाग मध्ये आ शिखरबंध श्री चौमुखजो भव्य जिनालय सहस्रफणा श्री पार्श्वनाथ जैन मंदिर श्रेष्ठीवर्य रावसाहेब श्री रवजो सोजपाल तथा तेमनां धर्मपत्नि अ० सौ० कंकुवाई कच्छ लायजावाळाओ आत्मश्रेयाथे पोताना खचे बंधावेल तेमां थाणा. तीर्थोद्धारक जैनाचार्य भट्टारक श्री जिनरिध्धिसूरीश्वरजी महाराजना वरद हस्ते मंदिरनी शिलारोपणविधि करवामां आवेल त्यार बाद श्री माटुंगाना मूर्तिपूजक श्वेताम्बर कच्छी जैन संघने अर्पण करेल छ । श्री संघे विक्रम संवत २००५ ना महा शुदि पंचमीने गुरुवार ता० ३ जी फेब्रआरी १९४९ ना शुभ दिने परमशासन प्रभावक पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद् विजयलब्धिसूरीश्वरजी महाराजना पट्टप्रभावक पूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजयलक्ष्मणसूरीश्वरजी महाराजना वरद हस्ते तेनी प्रतिष्ठा करावी छे.
श्री माटुंगा कच्छी मूर्तिपूजक श्वेताम्बर जैन संघ
( ३९५ ) कच्छ कोडाय जैन आश्रमवाळा गं० स्व० राणबाई हीरजी तरफथी आ हॉलना बांधकाम अंगे रू० ११००१) नी रकम श्री मुलुंड श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघने अर्पण थयेल छे । वि० सं २००८
अंचलगच्छाधिपति युगप्रधान दादा श्री १००८ श्री श्री कल्याणसागरसूरीश्वरजीनी आ मूर्ति साध्वी केवलश्रीजोना उ० थी शेठ जेठाभाई नरशीना स्मरणार्थे तेमना सुपुत्रो शेठ नायकभाई तथा शेठ गोवंदजीभाई पधरावेल छे। सं० २०१२ ना मागशर शुद ५ ने बुधवार
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जश्री अनंतनाथाय नमो नमः ॥ श्रो विधिपक्षगच्छ(अचलगच्छ)शणगार जंगम युगप्रधान पूज्य दादा श्री कल्याणसागर (सं० १६३३-१७१८) सद्गुरुभ्यो नमः
श्री कच्छी दशा ओशवाळ ज्ञाति शिरोमणी कच्छ नलीआ निवासी नागडा गोत्रीय शेठ नरशी नाथा स्थापित श्री अनंतनाथजी देरासरजो (प्रतिष्ठा सं० १८९०) नरशीनाथा स्टीट मुंबई ट्रस्ट तरफथी आ जिनालयना जीर्णोद्धारमा रू. १२५००० ओक लाख पचीश हजार भेट आपवामां आव्या छे । वीर सं० २४८६ वि० सं० २०१६ ई० स० १९५९ । (૩૯૪) મુંબઈના શ્રી સહસ્ત્રફણા પાર્શ્વનાથ જિનાલય(માટુંગા)ને બહારને શિલાલેખ. (3८५) भुंगधन। “विदुषी मान श्री रामा हार व्याभ्यान माहिर"(भु)मा शिain. (૩૬) શત્રુંજયની શેઠ શ્રી નરશી કેશવજીની ટૂંકની ભરતીની દેરીના ગોખલાને શિલાલેખ(૩૭) સમેતશિખરજીના જિનાલયના પ્રવેશદ્વારની બહાર જમણી બાજુને શિલાલેખ.
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