Book Title: Anchalgacchiya Pratishtha Lekho Part 01 and 02
Author(s): Parshwa
Publisher: Akhil Bharat Anchalgaccha Vidhipaksha Shwetambar Jain Sangh
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(६८२) ॥ संवत् १५५२ वर्षे माध सुदि १ बुधे श्रीश्रीवंशे मं० देवराज भा० नासिणि पुत्र मं० सवा श्रावकेण भार्या हांसी सु० हांसा गला लघु-भ्रातृ मं० रत्नपाल भा० कमई सहितेन श्री अंचलगच्छेश श्री सिद्धांतसागरसूरीणामुपदेशेन पितृ पुण्यार्थ श्री अजितनाथबिंबं कारितं प्र० श्री संघेन
संवत १५५२ वर्षे माघ वदि ८ शनौ......वास्तव्य श्री उकेशवंशे सा० वाल्हा भा० वीजलदे पु० सा० वल्हा भा० विरियादे पुत्र सा० रहीआ भा० लाजी.........सहितेन श्री अंचलगच्छे श्री सिद्धांतसागरसूरीणामुपदेशेन श्री सुमतिनाथबिंबं स्वश्रेयोथै कारितं प्रतिष्टितं संपेन श्री।
॥संवत् १५५३ वर्षे माघ शुदि १२ शनौ श्री श्रीवंशे श्रे० वल्हा भा० वेजलदे सुत श्रे० जिणदास सुश्रावकेण भा० जसमादे सु० अजा त० भ्रा० श्रे० मांडल प्रमुख समस्त कुटुंब सहितेन श्री अंचलगच्छेश श्री सिद्धांतसागरसूरीणामुपदेशेन श्री पदमप्रभस्वामिबिंबं कारितं । प्रतिष्ठितं श्री संघेन ॥ श्रीः॥
(६८५) ॥ संवत १५५३ वर्षे ज्येष्ठ शुदि ११ गुरौ श्री श्रीवंशे मं० देल्हा भा० कील्हणदे पु० मं० रत्ना सुश्रावकेण भा० लंगु पु० वर्द्धमान लघुभ्रातृ महीया मांका जंगा जाना गांगा सहितेन स्वश्रेयसे श्री अंचलगच्छेश श्री सिद्धांतसागरसूरीणामुपदेशेन श्री सुविधिनाथबिंबं कारि० प्रतिष्ठितं श्री संघेन कर्पटवाणिज्ये।
॥संवत् १५५४ वर्षे माघ १० १० सोमे श्रीश्रीवंशे श्रे० षोजा भार्या घेतलदे पुत्र श्रे० गहगा सुश्रावकेण भा० मानू पुत्र श्रे० पोपट श्रेयोर्थ श्रीमदंचलगच्छेश श्री सिद्धांतसागरसूरीणामुपदेशेन श्री मुनिसुव्रतबिंबं कारापितं श्री संघेन
(६८७) सं० १५५४ व० वै० व० १ शुक्रे श्रीमाल झातीय ठ० माणिक भा० संगी पु० ठ० चंद्र सुश्रावकेण भा० हकू पु० हंसराज हापा अपर भा० धर्मादे मुख्य कुटुंब स० श्री अंचल ग० श्री सिद्धांतसागरसूरीणामु० पितृ पुण्यार्थे श्री आदिनाथ बिं० का० प्र० श्रो श्री संघेन ॥
(९८२) पीपीना श्री सपनाथ-नादयनी धातुभूतिने। म. (६८3) मान्नमासना श्री शांतिनाथ-जिनसयनी चातुभूतिना म. (६८४) सुरेन्द्रनगरना श्री वासुपूजन्य-बनायनी धातुभूतिनw. (૬૮૫) એડવા[આણંદના શ્રી વિમલનાથ-જિનાલયની ધાતુમૂતિને લેખ. (९८६) भूलिगामना नालयनी धातुभूतिना म. (૬૮૭) સુરતના શ્રી સંભવનાથ-જિનાલયે [ગોપીપુરાની ધાતુમૂર્તિને લેખ.
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