Book Title: Anchalgacchiya Pratishtha Lekho Part 01 and 02
Author(s): Parshwa
Publisher: Akhil Bharat Anchalgaccha Vidhipaksha Shwetambar Jain Sangh

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Page 199
________________ १५२ ( ७४४) __॥ ॥ संवत् १६३० वर्षे माघमासे शुक्ल पक्षे त्रयोदश्यांतिथौ बुधवासरे श्री उकेशशातीय मंत्रि तेजा भार्या श्री गुराई तत्पुत्र मंत्रि कूयरजी तद्भार्या श्री कूयरि तत्पुत्र मंत्रि पूजा भार्या पूजी स्वकुटुंब सहितैः निज पुण्यार्थ श्री अंचलगच्छे श्री धर्ममूत्तिसूरीश्वराणामुपदेशेन श्री शीतलनाथबिंबं कारापितं प्रतिष्ठितश्च संघेन श्री रस्तु । (७४५) ॥संवत् १६५४ वर्षे श्री पौषमासे १५ तिथौ गुरुवासरे पुष्यनक्षत्रे । श्री उपकेशशातीय आंगाणीवंशे लोढागोत्रे सा० वेगा भार्या वेगधी तत्पुत्र सा० जेठा भार्या जेठश्री तत्पुत्र सा० राजपाल भार्या राजश्री तत्पुत्र सा० डूंगरसिंह लोक प्रसिद्ध सा० रिखभदास भार्या रेखश्री तत्पुत्र सा० कुंरपाल सोनपाल भार्यावरु श्री अमृतदे तत्पुत्र संघराज दुग्र्गादास। सोनपाल भार्या सोनश्री तत्पुत्र सा० रुपचंद तुलसीदास चतः। संघराज भार्या संघश्री त सुंदरदास प्रमुखकुटुंब युतेन श्री पनप्रबिंबं कारितं प्रतिष्टितं श्रीमदंचलगच्छे भट्टारक श्री धर्ममूर्तिसूरीश्वर विजयराज्ये आचार्य श्री कल्याणसागरसूरिभिः (७४६ ) सं० १६५४ अल्लाई ४२ वर्षे माह वदि ९ रवो आगरावास्तव्य उपकेश ज्ञातीय लोढागोत्रे सा० राजू भार्या राजश्री सुत सुश्रावक सा० रेषा भार्या रेषश्री सुत सा० सोनपाल भा० सोनश्री सुत तुलसीदास भा० सुलसश्री युतेन । श्री अंचलगच्छेश श्री धर्ममूर्तिसूरिभिः॥ आचार्यश्री कल्याणसागरसूरि उपदेशेन । निजश्रेयोर्थः। श्री पार्श्वनाथबिंबं कारितंप्रतिष्ठितं श्री संघेन । भव्य जन वंद्यमान । (७४७ ) संवत् [१६५४] अलाई ४२ वर्षे श्री अंचल...... श्रीश्रीश्री धर्ममूत्तिसूरीणामुपदेशात् श्री स्तंभतीर्थवास्तव्य श्रीश्रीमाली ज्ञातीय सुश्रावक ठकुर वच्छा तद् भार्या श्रा० श्रीबाई तत्पुत्र ठ० लींबा तद् भार्या श्रा० धर्मपरायणया सुश्राविका गंगादेव्यया श्री सुपार्श्वजिनबिंब कारितं पितुः......श्रे० हरखा......प्रमुख परिवार युतेन ।। (७४८) सं० १६५४ श्रा० व० ९ रवी श्री अंचलगच्छे श्री......... (७४४) २[४२७] श्री शांतिनाथ-जिनालयन पातुभूतिना au. (૭૪૫) કાનપુરના કાચના જિનાલયના તામ્રયંત્ર ઉપરનો લેખ. (७४६) iसीना श्री शरिया-निसयनी भूसनाय au. (૭૪૭) મુંબઈના શ્રી આદીશ્વર-જિનાલય[બાબુચુનીલાલ)ની ધાતુમૂર્તિને લેખ. (૭૪૮) ઉદયપુરના જિનાલયની ધાતુમૂર્તિને લેખ. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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