Book Title: Agam Padyanam Akaradikramen Anukramanika 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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अत्थि व किं किंचि अत्थि व किं किंचि
अथ व सुहाइभाणं
अत्थि स एव य गुरू अस्थि स देहो जो
अस्थि सरीरविहाया
अत्थि सरीरविहाया
अत्थिसिपब्भारोव०
अथ सुहदुक्खे अत्थी पएसफुसणा ओगअसूरिआव अत्थेगे गोयमा ! पाणी,
अत्थे उ तित्थंकर०
आयोगहओ पु
अत्थोग्गहो जहन्नो अत्थोग्गहो न समयं
अत्योग्गहोवि जं अत्थोत्ति विसयगहणं
अत्थो देहोच्चिय अथ सुसविसओ अथ आराहणासुर्यसिद्धे अथिरस्स पुव्वगहियस्स अथिरासणे कुक्कुईए, अदंसणं चेव अपत्थणं अदक्खुव दक्खुवाहियं, अदीणसत्तु संखे सुदंसणे अदीणो वित्तिमेसिज्जा, अदु अंजणि अलंकार, अदु कण्णणासच्छेद अदु कुचरा उवचरन्ति अदुणाइणं च सुहीणं अदु थावरा य तसत्ताए अदु पोरिसिं तिरियं भिति अदुवा परिसाम अदुवा माहणं च समणं अदुवायसा दिगिंछत्ता अदु साविया पवाएणं, अद्दपुरे अद्दसुतो नामेणं अद्दा अस्सेस जिट्ठा य अद्दागऽमंगलं वा उब्भावण अद्दाय असी य मणी अदि किं वेला ? अद्धकविदुगसंखणसंठिया अद्धजोयणिया उगहा अद्धगाउयाई
अ (विशे.) २५५९ अद्धदुमलक्खाई वासाण(विशे.) १७५० अद्धट्ठमा सहस्सा अड्डा(विशे.) १४४६ अद्धट्ठमा सहस्सा कुमार(विशे.) १८१४ अद्धडुमेहिं राईदिएहिं (विशे.) १६६७ अद्धतिक्त्रसहस्सा उवरिमहे (दश) भा.३२ अद्धत्तेरसकोडी उक्कोसा (विशे.) ३१६२ अद्धत्तेरस लक्खा (विशे.) १६१२ अद्धद्धं अहिवइणो ( भग.) प्र.६
(सम.) १५
( आ.नि.) २९० (आ.नि.) २७६ (आ.नि.) २९६
(आ.) १०५ (आ.) १०४ (सूत्र.) २७२ (सू.नि.) १८७ (गणि.) ३२ (ओघ.) भा. २१५ (प्रज्ञा) २०३ (ओघ.) भा. ६० (दे. प.) ८२ (दे. प.) ८९ (विशे.) ६९४
(दे.प.) २२९
(प्रज्ञा) १३६
(आ.नि.) ३३२ (आ.नि.) २८० (आ.नि.) ५८७
(आ.नि.) १५१ (पि.नि.) ६५०
अपरिमाणं वियाणा, (विशे.) २२१६ (आ.नि.) १३४१
(उत्त.) ८८३ (विशे.) २४३६
अन्नरस पाणस्सिहलोइयस्स (सूत्र) ४०६
| अन्नहा स मणे होइ अन्नाणओ हयत्ति
(इसि.) ४६ (विशे.) ११२८
अप्राणविण्यमूढप्पा अन्नाणविप्पमूढप्पा अन्त्राणिणो मुणिम्मि
अन्नाणियाणं वीमंसा,
अद्धभरह मज्झिल्लुतिभागे | अद्धमसणस्स सर्व्वजणस्स (ग.प.) २ अद्धाइ अवट्ठाणं, छावट्ठी (विशे.) ९४९ | अद्धाए अवट्ठाणं अन्नाणीऽवि अ गोवो (विशे.) २५९ अद्धा कालविसेसो अन्नायउंछं चरई विसुद्धं, (विशे.) ३३४ अद्धाणं जो महंतं तु, (उत्त) ६०० आरंभ अण्णं किह (विशे.) २७० अद्धाणं जो महंतं तु, (उत्त) ६०२ अनिओ रायसहस्सेहि (विशे.) २७५ अद्धाणपरिस्संतो गिलाण- (ओघ.) भा. १५६ अन्नियपुत्तायरिओ भत्तं (विशे.) २६५ अद्धाणे पासाए दुद्धकाय (आ.नि.) १२४२ अन्ने अणक्खरक्खर (विशे.) १५७६ अद्धा पच्चक्खाणं जं तं (आ.नि.) १५७९ अत्रे अहिं मुच्छिया, (विशे.) १०७१ अद्धि पिण्य (पि.नि.) ४८७ अन्ने उ मणोनाणी (म.प.) ३०२ अधिई पुच्छा असण (पि.नि.) ५०६ अत्रे व विसेसमिह (आ.नि.) ७०१ अधुवं जीवियं नच्चा, (द.वै.) ३६८ अन्ने केवलिगम्मत्ति (उत्त) ५२१ अधुवं संसिया रज्जं (इसि.) २४१३४ अने जं सागारं तो तं (उत्त.) ११५२ अधुवे असासयंमि (उत्त) २०८ अन्ने नोआगमओ (सूत्र.) १५३ अनिअपवास सिद्धापुर (आ.नि.) ४९२ अत्रे भणति अविरय (सम.) ८८ अनिएसवासो समुआण(द.वै.) ५०४ (द.वै.) १८५ अनिबद्ध होठं (विशे.) १३०५ (सूत्र) २८४ अनियाणोदारमणो हरिसवस- (भ.प. ) ३० (सूत्र.) २६८ अनिलेण न वीए न वीयावए (द.वै.) ४६२ अन्तिच्चिय आरो (विशे.) ४२२ अन्ते केवलमुत्तमः (विशे.) ८८ अन्नं इमं सरीर अण्णो (म.प.) ४०२ अनं इमं सरीरं अनो (आ.नि.) १५५२ अन्नं इमं सरीरं अन्नो (सं.प.) १०० अन्नं इमं सरीरं अन्नोऽहं- (म.प.) ५८९ अन्नं इमं सरीरं अन्नोऽह- (म.प.) ३६८ अन्नं पाणं च पहाणं (उत्त) ७०९ अन्नं पुट्ठो अण्णं (विशे.) १४४३ अत्रे मणेण चितेति, अन्नं रयंति अन्नं अनच्चिय गुरुलहुया अन्नई पगडं लय (ले)णं
अत्रे मन्त्रेति मई अन्नेऽवहिदंसणओ अन्नेसु व जीवे मित्तीअत्रो पात्रो व गुणी अत्रो दोज्झि काले 'अत्रोऽवि य अणगारो अपडिकम सोहम्मे अभि
(आ.) ७२ (सूत्र) २६० (आ.) ५५ (आ.) ४६ (इसि.) ४/९
अपडिण्णभावाओ उत्तरे अपडिहणतो आगंतु अपरक्कममाएसो जह अपरक्कमस्स काले अप्पअपरप्पेरियतिरिया
अन्नत्ते समभावा अन्नत्थ निवडिए वंज० | अन्नत्थ निवडिए वंज
(आ.नि.)५८ (विशे.) ७१८ (विशे.) २०६८
अन्नमणन्नं व मयं अन्नयरपमायजुयं छलिज्ज अन्नवंसि महोहंसि, अप्रविणिठत्तमण्णं
(सूत्र.) २७०
अपराजिअ विस्ससेणे अपराजिय विस्ससेणे अपरिक्ख दिन हु अपरिगहया सुते
(त.प.) १२४ (वि.) ९३ (द.वै.) ३८६ अपरिग्गहावि परसं (विशे.) ३४२६ अपरिच्छेएऽवि(विशे.) २५४५ अपरिणयंपिय दुविहं (आ.नि.) १५९२ अपरिमाणं वियाणाइ,
(इसि.) ३५/६
(इसि.) ३५/८
(विशे.) ३२८९
(सूत्र.) ४४
(भ.प.) ८१ (द.वै.) ४४२
(विशे.) २३१६
(उत्त) ५७२ (आ.नि.) १९८३ (विशे.) १६२
(सूत्र.) १०८
(विशे.) ८२०
(विशे.) ९७९ (विशे.) २०५७ (विशे.) ८२१
(विशे.) ८९३
(विशे.) १२८६ (विशे.) १५४ (विशे.)-८१७
(च.प.) ५३
(विशे.) १५५९
(विशे.) १४७३
(उ.नि.) १०५ (द.नि.) १०८ (इसि.) ३४ ३
(ओघ.) ५९०
( आचा.) २६५
(भ.प.) ११ (विशे.) १७५८
(आ.नि.) ३२९
(सम.) १०३
(सूत्र) ३९९
(विशे.) २५८० (विशे.) २५६६
(विशे.) २५४०
(पि.नि.) ६०९
(सूत्र.) ८२
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