Book Title: Agam Padyanam Akaradikramen Anukramanika 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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दुविहं पओगकरणं
देसस्साराभागो दुविहं पओगकरणं (उ.नि.) १८८ दुविहो खलु उज्जोओ (आ.नि.)१०५९ देवत्ते मणुअत्ते पराभिओग- (सं.प.) ९६ दुविहंपि णेगमणओ णिद्देसं (आ.नि.)१४४ दुविहो दव्वकसाओ (विशे.) २९८१ देवत्ते माणुसत्ते पराहिअ- (म.प.) ३८२ दुविहंपि नेगमनओ (विशे.) १५०५ दुविहो पमाणकालो (विशे.) २०६९ देवदाणवगंधव्वा, जक्ख- (उत्त.) ५०७ दुविहंपि विइत्ताणं, बुद्धा (आ.) १८ दुविहो पमाणकालो (आ.नि.)७३० देवदाणवगंधव्वा, जक्ख- (उत्त.) ८३३ दुविहंमिवि तिगभेदो णेओ (सू.नि.) ११० दुविहो परमाणूणं हवइ (उ.नि.) ३६ देवनरिंदनमंसियपूयं (प्रश्न.) १३ दुविहं समिच्च मेहावी (आ.) ५७ दुविहो भावविमुक्खो (आचा.) २५९ देवमणुस्सपरिवुडो (उत्त.) ७८६ दुविहं होइ पमाणं (ओघ.) भा.२१३ दुविहो य भावपिंडो (ओघ.) ४०९ देवलोगचुओ संतो, माणुसं (उत्त.) प्र.२ दुविहतवोमग्गगई वनि- (उ.नि.) ५१५ दुविहो य विहरिया- (ओघ.) २११ देवलोगसमाणो य, (द.वै.) ४९१ दुविहतिविहाइणाणु (विशे.) २६७७ दुविहो य होइ कालो (ओघ.) ६४० देवस्स व किं वयणं (विशे.) २३६२ दुविहतिविहेण पढमो (आ.नि.)१५५८ दुविहो य होइ गंथो (उ.नि.) २४० देवा गंधव्वरक्खसा, असुरा (सूत्र.) ९३ दुविहम्मि अहक्खाए (म.प.) २३ दुविहो य होइ दीवो (उ.नि.) २०६ देवा चउव्विहा वुत्ता, (उत्त.) १५५८ दुविह वणस्सइजीवा (आचा.) १२७ दुविहो य होइ भावो (ओघ.) ४९५ देवाणं मणुआणं च, - (द.वै.) ३२७ दुविहविराहण उसिणे (पि.नि.) ५५६ दुविहो य होइ साहू (ओघ.) ५२३ देवाणुअत्ति भत्ती पूया (आ.नि.)५८३ दुविहा आउजीवा उ, (उत्त.) १४३९ दुविहो लोगुत्तरिओ (दश.) ४३ देवादीयं लोयं विवरीयं (आ.नि.) भा.२१३ दुविहा उ आउजीवा (आचा.) १०७ दुविहोवक्कमकालो (आ.नि.)६६५ देवा भवित्ताण पुरे , (उत्त.) ४२३ दुविहा उ भावलेसा (उ.नि.) ५४२ दुविहोवक्कमकालो सामायार-(ओघ.) प्र./१ देवाभावे विफलं (विशे.) १८८२ दुविहा उ वाउजीवा (आचा.) १६५ दुविहो व दव्वकोहो (विशे.) २९८७ देवाभिओगेण निओइएणं, (उत्त.) ३६१ दुविहाए वेयणाए (विशे.) २७४४ दुव्विअड्ढा जहा न (नन्दी) ४७ देवा य देवलोगंमि, आसि (उत्त.) ३९४ दुविहाएँ वेयणाए पडि- (आ.नि.)८२४ दुहओ गती बालस्स, (उत्त.) १९४ देवावि देवलोए भुंजंता (सं.प.) २७ दुविहा खलु तसजीवा (आचा.) १५३ दुहओऽणंतरभवियं जह (आ.नि.)१४४० देवासुरमणुएसुं अरिहा (आ.नि.)९२२ दुविहा खलु पडिलेहा (ओघ.) २५७ दुहओऽणंतररहिया जइ (आ.नि.)१४३९ देविंदवंदिएहिं
(विशे.) २२८८ दुविहाणंपि य जीवाण (विशे.) ३१२४ दुहओ ण विणस्संति, (सूत्र.) १६ देविंदवंदिएहिं महाणु- (आ.नि.)७७४ दुविहा तेउजीवा उ, (उत्त.) १४६३ दुहओवि ते ण भासंति- (सूत्र.) ५१७ देविदा दाणविंदा य (इसि.) २४।११ दुविहा ते भवे तिविहा, (उत्त.) १५२६ दुहओवि धम्मंमि समुट्ठि- (सूत्र.) ७१४ देविंदा दाणविंदा य (इसि.) ४५।२१ दुविहा परूवणा० (विशे.) २८६१ दुह दव्वभावधम्मो दव्वे (आ.नि.)१०६३ देविंदा समहिड्डीया (इसि.) २४९ दुविहा परूवणा छप्पया (आ.नि.)८९१ दुहरूवा दुरंतस्स (इसि.) ३८।१६ देविंदचक्कवट्टित्तणाई (म.प.) २५२ दुविहा पुढविजीवा (उत्त.) १४२५ दुह होइ भावधम्मो सुअ- (आ.नि.)१०६४ देविंदचक्कवट्टित्तणाई (त.प.) १३६ - दुविहा बायरपुढवी समा- (आचा.)७२ दुहा वेयं सुयक्खायं, (सूत्र.) ४११ देविंदचक्कवट्टित्तणाई (महा.) ६२ दुविहा य चरित्तम्मी (आ.नि.)७१८ दूइज्जंतगा पिउणो (आ.नि.)४६२ देवी अ नागदत्ता जसवइ (उ.नि.) ३४० . दुविहा य तेउजीवा (आचा.) ११७ दूइत्तं खु गरहियं अप्पाहिउं (पि.नि.) ४३१ देवीणं मणुईणं तिरिक्ख- (आचा.) प्र. ७ दुविहा य पुढविजीवा (आचा.)७१ दूरं अणुपस्सिया मुणी, (सूत्र.) ११५ देवी सुमंगलाए भरहो (आ.नि.) भा.४ दुविहा य भावसिज्जा (आचा.) २८८ दूरट्ठिअ खुड्डलए (ओघ.) २४५ देवे णेरइए य अइगओ (उत्त.) २८५ दुविहा य होंति पाया (ओघ.) ३७८ दूरत्थंपि विणासं अवस्स- (म.प.) ३६९ देवेसु अणुव्वट्टे (विशे.) २७४८ दुविहा य होइ सोही (ओघ.) ७९४ दूराभोयण एगागि आगओ (पि.नि.) भा.३३ देवेसु अणुव्वट्टे दुगं चउक्कं (आ.नि.)८२७ दुविहा वणस्सईजीवा, (उत्त.) १४४७ दूरुट्ठिअ खुड्डलए (ओघ.) ९२ देवेहिं संपरिवुडो देविंदो (आ.नि.) भा.६५ दुविहा वाउजीवा य, (उत्त.) १४७२ दूरुट्ठिअ खुड्डलए (ओघ.) १८० देवो चु(ठि)ओ महिड्डीओ (आ.नि.)५१४ दुविहो अभावबंधो (द.नि.) १३७ दूरूज्झिअ पत्ताइसु ममत्तए (ग.प.) ५७ देवो नेहेण णए देवागमणं (म.प.) ५३५ दुविहो अ होइ मोहो (आचा.) १८८ दूसंति तेण तंमि व (विशे.) २९६६ देसं खित्तं तु जाणित्ता, (ग.प.) १४ दुविहो उ भावपिण्डो (पि.नि.) ५९ देओ स जस्स तं संपया- (विशे.) २११६ देसक्खए अजुत्त (विशे.) ३१०५ दुविहो उ संथवो खलु (पि.नि.) ४८४ देज्ज न उ भग्गब्भामिय (विशे.) ३४०५ देसगमगत्तणाओ (विशे.) २२६८ दुविहो उ होइ कालो (आ.नि.)१३६९ देज्जा हि जो मरंतस्स (इसि.) ४५।१५ देसनिसेहे सयलं (विशे.) ८८६ दुविहो कायम्मि वणो (आ.नि.)१४१९ देवकुरु सुसमसुसमा
(विशे.) २४९६ दुविहो खलु अभिओगो (ओघ.) ५९८ देवगइआणुपुव्वीविउव्वि- (आ.नि.)१२५ देसव्वयवज्जं माणसे (विशे.) २७२९ दुविहो खलु आलोगो (ओघ.) ५५० देवत्ति सत्थयमिण (विशे.) १८८० देसस्साराभागो (विशे.) १७३९
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