Book Title: Agam Padyanam Akaradikramen Anukramanika 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 111
________________ भावे सब्वोदओदयलभावे सव्वोदइओदयलभावेसु जो गेोहिमुवेद भावो जीवस्स सवीरियस भावो पच्चक्खाणं भावोवयारमाहेठमप्यगे भावोऽवि दव्यधम्मो भासंतमूढसंकियदियविसए (ओम) ६५२ भिक्खेण न मे क भासइ चाऽणुवत्तो भासगपरित्तपज्जत्त० (विशे.) १५२६ (विशे.) ४१० (आ.नि.) १५ (प्रज्ञा) १८१ (प्रज्ञा) २१२ (इसि.) १५/२८ भासग परित्त पज्जत्त भाग परित पज्जत सुहुम भासग परित्त पज्जत सुहुम भासच्छण्णो जहा वही भासणे संपाइम हो भासमाणो न भासेज्जा, भासा असच्चमोसा नवरं भासाइ दोसे यगुणे भासा कओ य पभवति भासापरिणइकाले भासावत्ता वाया सुयभासासमसेढिठिओ भासासमसेढीओ सद्दं भासासमसेडीओ, सई भासासमसेढीओ सई जं भासा सरीर परिणाम भ (आ.नि.) पा. १८८ मिक्खियव्वं न केयव्वं, (उत्त.) १२१६ भिक्खुरस व निक्लेवो (सू.नि.) ९४ भिक्खू जहण्णगम्मी (विशे.) २५४३ भिक्खूर्ण उवहाने उवा(पि.नि.) १०० भिक्खूणं उवहाणे पगयं (विशे.) १५४१ भिक्खू मुयच्चे तह भिक परिहार्यते थे भिज्जिज्ज लिप्पमाणं लित्तं भिणिभिणिभितस भिण्णमसेसं जमिहेग भिण्णो जहेह कालो भित्रमयलिंगचरिया भिन्नमुहुत्तो न भिन्नम्मि तम्मि लाभो भिन्नविसयं निसिद्धं भिन्नाई सुहुमयाए भिन्नाधारं पिच्छ‍ (विशे.) १३४ भिन्निदियपंचिदियतिरिक्त्र (द.नि.) ८८ ( सूत्र ) ४६१ ( आ.नि.) १०९५ (द.वै.) ३३३ (प्रज्ञा) १९२ (आ.नि.) ६ (विशे.) १४२० मिसमायरओ व पुण (विशे.) ३५३ भिसिणीपत्तेहिअरे उदयं (विशे.) ३५१ भीए य पलायंते समंततो भीतं दुतं रहस्सं गायतो भीमट्टहास हत्थी पिसाय भीयं दुर्य उप्पिच्छे उत्तालं भीया य सा तर्हि दट्टु, भुंजंति चित्तकम्मट्टिया व भुजती आचमणे उदगं (नन्दी) ७९ भुंजतो आहारं गुणोवयारं भुज न भुंजे भुंजसु तइओ (प्रज्ञा) ७ भासासलद्धिओ लभइ (विशे.) ४२७ भासिणवित्यरेण (विशे.) २२७८ भासुरसुवन्नसुंदररयणाल- (च. प.) ४८ भिंगा भगप्पा व (जंबू.) ५० भितोय जह खु (दश) ३४४ भिउडीविडंबियो (अनु.) ७१ भिक्खं पविद्वेण मज्ज ( आचा.) २२८ भिक्खअदाणमइच्छा (विशे.) ३५०४ भिक्खग्गाही एगत्थ कुएइ (पि.नि.) २८४ भिक्ख दगसमारंभे कहणा - (पि.नि.) ३१९ भिक्खविसोही तवसंजमस्स (दश) २२ भिक्खस्सविय अवेला (ओघ.) भा. २१६ भिक्खाइए वच्चंते अप्पा - (पि.नि.) ४३० (पि.नि.) ४३० भिक्खाइ गओ रोगी किं (पि.नि.) ४५७ भिक्खाचरणमताणं, (गणि.) ३१ भिक्खामित्ते अवियालणा (पि.नि.) ५९७ भुत्ते वियारभूमी गयागयाणं भिक्वामेत्ते अवियालणं ( ओघ . ) ४७० भुयगपुरोहियडक्को भिक्खायरियाइ सुज्झइ (आ.नि.) १४२५ भुवगा भुयगावई चेव भिक्खाऽऽलसिए एगे एगे (उत्त.) १०३५ भूअत्थेणाहिगया जीवाऽजीवा (उत्त.) (ज्ञाता.) ५६ (उत्त.) १३४९ | भूआणमेसमाघाओ, (दश) ३३३ भूआपरिणयविगए भूइंदिओवलद्धा | भूइंदियाइरित्तस्स (पि.नि.) ३५८ (द.नि.) ४७ (द.नि.) ४३ (सूत्र.) ५७३ (उ.नि.) ४८० (पि.नि.) भा. ३६ | भूईगहणं जह नक्कयाण भूए अत्थि भविस्संति केई ४ (ओघ.) ४०६ (त. प.) ११४ (विशे.) ३४९३ (विशे.) २०५९ (विशे.) २६२० भूमिखपसाभावे (जीवा.) १५ (विशे.) १९९६ (आ.नि.) १२२७ (विशे.) ३५२ (विशे.) २९०८ (म.प.) ३८३ (विशे.) ३५७७ ( आ.नि.) २०० (सू.नि.) ८२ (स्था.) ६७ (आ.नि.) भा. ११२ (अनु.) ४७ (उत्त) ७९९ (पि.नि.) ४४६ (पि.नि.) ५८७ (ओप.) ५८४ (पि.नि.) १२२ भुंज माणुस्सए भोए, (उत्त. ) ६२५ भुंजह भुत्ता अम्हे ( ओघ.) २१५ भुंजित्तुच्चावए भोए (इसि.) ४I८ भुंजितु भोगाई पसज्झचे असा (द.वै.) ४९५ भुओरगपरिसप्पा, परिसप्पा (उत्त.) १५३६ भुत्तम्मि पढमकप्पं करेमि (ओघ.) ५९२ भुत्ताभुत्तसमुत्था भंडणदोसा (ओघ.) २२९ भुत्ता रसा भोड़! जहाइ (उत्त) ४५४ भुत्तुट्ठियावसेसो तिलंबणा (ओघ.) ५८५ भुतृणवि भोगसू (म.प.) ३९२ (ओघ.) ५०९ (म.प.) ५१२ भोत्ता देहाईणं भोज (द.वै.) २४३ (आ.नि.) १०२१ (विशे.) १६५७ (विशे.) १९५६ १०५९ भूएसु तुज्झ संका भएहि न विरुझेजा, भू-जल - जलणा-निलभूताभिसंकाइ दुगुंछमाणे भूपिंद्यवायाओ पिंझे भूमाइएस तं पुण साहरणं भूमी घरा य तरुगण तिविहं भूयग्गामो गामो तदेक भूयत्येणाहिगया जीवाजीवे भूयस्स पडिक्कमणा भूयस्स पडिक्कमणा भूयहिअयप्पगमे वंदेहं भूयाइं च समारंभ, तमुद्दिस्स भूयाइसंसयाओ भूषाणं पतेयंपि भूयाभिसंकाए दुर्गमाणा भेइय चिया उवचिया | भेउरेसु न रज्जिज्जा भेओवयारओ वा भेतागमोवठतो दुविह भेत्ता य भेअणं वा भेद विसय संठाणे भेयओ भेयणं देव भेयकयं च विसेस० भेसज्जेण सयं वा भोगंकरा भोगवई, सुभोगा भोगंकरा भोगवती, सुभोग भोगफलं बाहुबलं भोगम्मि चक्किमाई संजम - भोगसमत्थं नाउं वरकम्मं भोगाणं परिसंखा सामाइयभोगामिसदोसविसन्ने, भोगे अवयवांता पडंति भोगे भुच्चा वमित्ता य भोच्चा माणुस्सए भोए, भोत्ता देहाईणं भोजभोत्ता देहाईणं भोज्ज (सं.प.) ३ (ग.प.) ३६ (विशे.) १६९० (सूत्र.) ६१० (विशे.) २४९० (सूत्र. ) ५९९ (विशे.) २११७ (पि.नि.) ५६६ (विशे.) १७५७ (दश.) २५६ (विशे.) २८६६ (प्रज्ञा.) १२१ (विशे.) ३५५४ (विशे.) ३५५६ (नन्दी) ३९ (सूत्र.) ५१० (विशे.) १६९१ (विशे.) १६५५ (सूत्र) ७०९ (भग.) ४ (आ.) ३९ (विशे.) २९४१ . (दश) ३४३ (उ.नि.) २०६ (प्रज्ञा) २२३. (दश) ३३५ (विशे.) ११६ (विशे.) १२१६ (जंबू.) ७० (स्था.) १०५ (आ.नि.) १७८ (आ.नि.) १०४४ (आ.नि.) १९५ (आ. प.) ५ (उत्त.) २१२ (ज्ञाता. ) ३१ (उत्त) ४६६ (उत्त.) ११३ (विशे.) १५६९ (विशे.) १६६९

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