Book Title: Agam Padyanam Akaradikramen Anukramanika 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 133
________________ साहारणमाहारो साहारण सिद्धोऽवि संजओसाहारणमाहारो साहारण- (प्रज्ञा.) १०१ सिंगारतरंगाए विलासवेलाइ- (भ.प.) १२९ सिद्धसइंदियकाये (विशे.) ३१२९ साहारणमाहारो साहारण (आचा.) १३६ सिंभे पित्ते मुत्ते गृहम्मि- (त.प.) १०८ सिद्धसरणेण नवबंभ- (च.प.) ३० साहारण वण्णादि व (विशे.) १९११ सिअकमलकलससत्थि- (सं.प.) १५ सिद्ध सुकच्छे खंडग माणी (स्था.) १३३ साहारणसरीरा उ, (उत्त.) १४५१ सिआ अ गोयरग्गगओ, (द.वै.) १४१ सिद्धस्स सुहो रासी सव्व- (प्रज्ञा.) १७३ साहारणासवत्ते तदुवओगो (आ.नि.)५७८ सिआ एगइओ लछु, (द.वै.) १९० सिद्धस्स सुहो रासी सव्व- (औप.) २३ साहीणसव्वमंतो बहुमंतो (आ.नि.)९३३ सिआ एगइओ लडु, (द.वै.) १९२ सिद्धस्स सुहो रासी सव्व- (आ.नि.)९८२ साही पुरोहडे वा (ओघ.) ६२३ सिआ य भिक्खू इच्छिज्जा, (द.वै.) १४६ सिद्धस्स सुहो रासी सव्व- (दे.प.) २९५ साहीयं सागरं इकं, (उत्त.) १५७३ सिइअवणण पडिलाभण (पि.नि.) ४७३ सिद्धाइगुण जोगेसु, तित्तीसा-(उत्त.) ११३६ साहुं तिगिच्छिऊणं (आ.नि.)१७५ सिउबरजंघाए बलिवद्दकए (आ.नि.)१०७२ सिद्धाणं नमो किच्चा, (उत्त.) ६८१ साहुं संवासेइ अ असाहुं ___(उ.नि.) २८९ सिएहिं भिक्खू असिए (आ.) १४२ सिद्धाणं संथवं किच्चा, (उत्त.) १०१५ साहुक्कारपुरोगं जह सा (दश.) ७३ सिकयासु किं न तेल्लं (विशे.) १७३६ सिद्धाण नमुक्कारो एवं (आ.नि.)९९१ साहुगुणेसणकहणं आउट्ठा (पि.नि.) २९७ सिक्खगअसिक्खगाणं (दश.) ५७ सिद्धाण नमुक्कारो धन्नाण (आ.नि.)९९० साहु गोयम ! पन्ना ते, (उत्त.) ८५७ सिक्खा दुविधा गाहा, (आ.नि.)प्र. २५ सिद्धाण नमुक्कारो सव्व (आ.नि.)९९२ साहु गोयम ! पन्ना ते- (उत्त.) ८४१ सिक्खावए अ लिंगे (उ.नि.) ४५४ सिद्धाण नमोक्कारो जीव (आ.नि.)९८९ साहु गोयम ! पन्ना ते, (उत्त.) ८४७ सिक्खिऊण भिक्खेसण- (द.वै.) २०९ सिद्धाणमसिद्धाण य (उ.नि.) ५५७ साहु गोयम ! पन्ना ते, (उत्त.) ८५२ सिक्खियमंतं नीयं (विशे.) ८५१ सिद्धाणुऽणंतभागो, अणुभागा (उत्त.) १२६२ साहु गोयम ! पन्ना ते, (उत्त.) ८६२ सिग्घयरं आगमणं तेसिं- (ओघ.) भा.१४४ सिद्धा य ते अरोगा य, (सूत्र.) ७४ साहु गोयम ! पन्ना ते, (उत्त.) ८६७ सिग्घवायिसमायुत्ते (इसि.) २४.५ सिद्धा य मंगलं मज्झ, (महा.) ११६ साहु गोयम ! पन्ना ते, (उत्त.) ८७२ सिज्जंस बंभदत्ते (सम.) १०१ सिद्धिगइमुवगयाणं (दश.) १ साहु गोयम ! पन्ना ते, (उत्त.) ८७७ सिज्जंस बंभदत्ते (आ.नि.)३२७ सिद्धिपहो उण सम्मत्त० (विशे.) १०५३ साहु गोयम ! पन्ना ते, (उत्त.) ८८२ सिज्जा दढा पाउरणं (उत्त.) ५१० सिद्धिवसहिमुवगया (आ.नि.)९११ साहु गोयम ! पन्ना ते, (उत्त.) ८८७ सिज्जायरपिंडं च, आसंदी। (द.वै.) २१ सिद्धी य देवलोगो सुकुलु (दश.) २०३ साहु गोयम ! पन्ना ते, (उत्त.) ८९२ सिझंतस्सुवयारं दिज्जं- (पि.नि.) २५१ सिद्धे अ विज्जुणामे देव- (स्था.) १३४ साहु गोयम ! पन्ना ते, (उत्त.) ८९८ सिझंति सोम्म ! बहुसो (विशे.) १७६० सिद्धे उवसंपण्णो अरहते (महा.) १२० साहुत्तसुट्ठिया जं (च.प.) ४० सिट्ठकम्मो तु जो वेज्जो ___(इसि.) ११७ सिद्ध कच्छे खंडग माणी (जंबू.) ५५ साहुमहिंसाधम्मो (आचा.) ३२४ सिट्ठम्मि सहू पडिणीय- (ओघ.) ७८ सिद्धे कच्छे खंडग माणी (स्था.). १३२ साहुस्स दरिसणे तस्स, (उत्त.) ५८९ सिणाणं अदुवा कक्कं (द.वै.) २७२ सिद्धे गंधिल खंडग माणी (स्था.) १३५ साहुस्स नत्थि लोए (ग.प.) ७० सिणायगाणं तु दुवे (सूत्र.) ७०४ सिद्धे णीले पुव्वविदेहे (जंबू.) ६८ साहू कयसलेहो विजियपर- (म.प.) ३२४ सिणायगाणं तु दुवे (सूत्र.) ७११ सिद्धे नमंसिऊणं संसार- (आ.नि.)१२६९ साहूणं नोवकयं परलोयच्छ- (म.प.) ७६ सिणायगाणं तु दुवे (सूत्र.) ७१२ सिद्धे निलवंत विदेह (स्था.) १३६ साहूण साहुचरिअं (च.प.) ५७ सिणेहं पुप्फसुहुमं (द.वै.) ३४९ सिद्धे निसहे हरिवास (स्था.) १२९ साहू तेणे ओग्गह (द.नि.) १६ सिद्धं जीवस्स अत्थित्तं (दश.) भा.२५ सिद्धे भरहे खंडग माणी (स्था.) १२८ साहूय य मंगलं मज्झ, (महा.) ११९ सिद्धत्ति अ बुद्धत्ति अ (आ.नि.)९८७ सिद्धे य गंधमायण (स्था.) ८६ साहू लूहे य तहा तीखी (दश.) ४४८ सिद्धत्ति य बुद्धत्ति य ।। (प्रज्ञा.) १७८ सिद्धे य मालवंते उत्तर- (जंबू.) ५४ साहूहि संगमं कुज्जा (इसि.) ३३८ सिद्धत्ति य बुद्धत्ति य (दे.प.) ३०० सिद्धे य मालवंते उत्तर- (स्था.) १३१ सिंगाररसुत्तइया मोह- (दश.) २१२ सिद्धत्तिय बुद्धत्तिय पारग- (औप.) २८ सिद्धे य विज्जुणामे देव- (जंबू.) ६० सिंगी सिही विसाणी दाढी (अनु.) ८३ सिद्धत्थपुरे तेणेत्ति (आ.नि.)५११ सिद्धे रयणे खंडग माणी (स्था.) १३७ सिंघाडगतिगचउक्कचच्चर- (आ.नि.)२१८ सिद्धत्थवणं च(व)जहा (आ.नि.) भा.१०२ सिद्धे रुप्पी रम्मग (जंबू.) ६९ सिंघाडगतिगचउक्कचच्चर- (आ.नि.) भा.८३ सिद्धत्थवणं व जहा (आ.) १२६ सिद्धे सोमणसे तह (स्था.) ८५ सिंघाडगस्स गुच्छो अणेग- (प्रज्ञा.) ५५ सिद्धत्थे पुण्णघोसे य, (सम.) १६४ सिद्धे सोमणसेऽविअ (जंबू.) ५९ सिंचइ खरइ जमत्थं (विशे.) १३६८ सिद्ध महाहिमवंते हिम- (स्था.) ९५ ।। सिद्धोऽकाइय नोसंजया (विशे.) ३१११ सिंहगिरि भद्दगुत्ते (उ.नि.) ९७ सिद्ध य रुप्पी रम्मग (स्था.) ९६ । सिद्धो जो निष्फनो . (विशे.) ३०२७ सिंहासणे निसण्णो (आ.नि.) भा.९७ सिद्धसइंदियकाए जोए वेइ (जीवा.) प्र.५ सिद्धोऽवि देहरहिओ (विशे.) ३१६५ सिंगक्खोडे कलहो ठाणं (ओघ.) भा.७६ सिद्धसइंदियकाए जोगे (स्था.) ७ सिद्धोऽवि संजओ- (विशे.) २५३९ ह ૧૧૬

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