Book Title: Agam Padyanam Akaradikramen Anukramanika 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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जं एस कीरमाणो, जं एस कौरमाणो,
जं एस नमोकारो,
जं कण्जमुवसमपरो,
जं किंचि कयं पावं,
जं किंचि जलवणऽऽईण,
जं किंचि सुहमुयारं,
जं कि पि एत्थ बसणं,
जं किंपि पमाएणं,
जं किर चिन्तामणिकाम
जं फिर जलं पिपीयं
किरमणुवाण सुहं
जं किर मयस्स भारो
जं कुणा भावसलं,
जं के देसविरति, गिण्हंति
जंघाबलं व हीएज जंघाबलपरिहीणस्स, जंघाबलहाणीए, देसंऽत्तरजं च कयाइ कत्थई,
जं च कसायकलुसिया, चकिर माणुसा
जं चक्कवट्टिज्जं, भरहो
हुण
जं च जुवइत्तणम्मि, जंचता माई य जं च तहाविहसाहम्मिएसु,
जं च तियसत्तणे च्चिय,
जं च न संमं सुगुण
जं च नियरूवचंगिम
जंय नियसामिभ जं च पमायमहामय-मत्तेप जं च परमत्थगोयर- संसय
जं च मणुयत्तणे च्चिय
जं च महाऽऽरंभपरिगहा
जं च वसियरणकारण
जं च विचित्ततवोगुण
जं च विसिट्ठजणाणं,
जं च विसेसाभिग्गह
जं च सुदुक्करतवचरणजं चिय पए निसिद्धं, तं जंचेइयदव्ववजीवणं
जं चेच्चा गंतव्वं, तम
जं जं अहिलसणिज्जं,
जं जं च तदाऽऽयण्णणजं जं जयम्मि जायइ,
ज
६५४५ जं जं जीवाण जयम्मि, ७७०५ जं जो तं तत्तो, पुण्ण५९१६ जं जत्तो य अहीयं, तस्स ८३४८ जं जत्थ जहा अंगं, निक्खि
९३६९
जं जत्थ वत्थु जुज्जइ,
४४०
७९२७ जं जायद निस्सा, नियमा जं जीवबहेण विना, ५४९६ जंतप्पओगदारं, निर्दसिय ३७४० जंतप्पीलणनेलंछणाण, ५४३६ जं तस्स साऽणुबंधो, ७२७२ जं ताव कामिणीणं,
जं तेसु न वावारो,
जं दुई ववहारे, लोए
जं
१८९५
४७०१
२२७६
देसचायवट्टण निप्पीसणयं
१९८१
नत्थ सव्वबाहाओ,
५३४२
जं न मए सद्दहियं, जं
४८९३ जं न लहइ सम्मत्तं, ८४४६ जं नाणं तं करणं, ३६०५ जं निज्जरेइ कम्र्म्म, ८४६५ जं निज्जरेइ कम्म, ४५१३ जं नियमिय अप्पाणं, ८३५८ जं निरऽणुबंधमिट्टं, ८४५० जं निरुवमरूवो वि हु ८३२७ जं नेगंतेणं चिय, ६०२ जं नेरहओ कम्म, ८४६७ जंपंति पहुं अप्पाणयं
४२५० जं पयइचला पाणा, चिट्ठति ४४१८ जं परदक्खिण्णाओ
१४५ ५५४५
जं परपीडाजणगं, हासेण जं पाणगपरिकम्मम्मि
४३३५ जं पायवो व्व उद्धदिओ ८४५३ जं पाविऊण मरमे, नाणा९३९५ पिङमाहतो जाव,
८४५१ जंपि कथं कारियमऽणु६२२ जं पि किर पंतुलिते, १९९१ जं पि जहुत्तगुणम्मि ६१० जं पि भरहम्मि लई १३२० जंपियं हरिणा राया २८४६ प इ कन् ३०५१प कपि संप, ७५२० जंपि य तिविहं सल्लं, ३७३९ जंपि य पयईए च्चिय, २२७१ जंपियम जेहिं छगलेहि, ३७३३ जंपियमषेण ससहर
लद्धूण
૧૫૫
६०९० २५८४
जं मूलकूडसामलि वेयर
११५७
७६५७
७६६१
७६६८
७०४२
२९६४
३८६३
१९००
जंपियमहो महामुणि जंपि य विसिट्ठपयवी
५९०
जं पिय सव्यंगपहाण
३५८३ जं पि य सियदेवंऽसुय
२९५६
पीयं पच्छायइ, विमल
५०१४
जं पुण बलविरियपरक्कमाण,
७९०५
जं पुण भूईसुत्ताऽऽइएहि,
३३११ जं पुण्णपावरूवं, बट्ट
८३४६
पुव्यकम्मनिम्मिय
२९१७
जंपेड़ बच्छ । गेण्हसु,
१५६३ जंपेन्ति भट्टवट्टा !, कीस ४६१५ जंबालपडलगाा
७१४५ ६०८३
जंबुद्दीवे दीवे, सुत्तिमईए जंबूफलभक्खगपुरिस
९७८२ जं भवजलहिम्मि जिया,
९३५७ जं मुद्धो कुणइ जणो, ७४७२ जं मूलकारणं सो, ७८३३ जं रोगऽग्गिपिसाय३७२५ जं व इह कुंडकूवाऽ४०६९ जं वट्टइ उवयारे, उवगरणं १९२३ जं वट्टियमवयारे, तुम्ह ३६१६ जं व निहयाऽरिचकं, ६६८३ जं वा किंपि कहं पि २५०० जं वाऽऽगमपडिकुटुं ७८२२ जं वा तं वा विसमं, ४२५६ जं वा तं वाऽसिस्स वि,
१८८४
जं वा दंतवणिज्जं, रस
वेढणओ
८३५०
जं वा दिसमुवणीयं,
५७०१
जं वा पुच्छंताण वि, ५४७० जं वायामं न करेसि, ३५८७ जं विहियं हियय पुरा,
४३७३ जं वेलं कालगओ,
४४४
जं संचरणऽण्णोणे, ८३३० जं सग्गे सुरराया, विलसइ
८४५२ जं सत्थं जिणपवयण६४९२
सपबुद्धिकष्पण पुरस्सरं ८८०३ जं सम्मत्तं सुत्ते, अविवज्जासो१७६७ जं सरवंजणमत्ता- विदुपया९४११ जं सरिसे वि हु मणुअत्त४३४ जं साऽणुबंध मिट्ठे, ९३३४ जं सामनए सन्ते, सन्ते १५६५ जे सुद्धकारणकर्य, कारण५७४८ जं सुमिणे वि न पेच्छसि, १३७१ जं सूलकूडसामलि-वेयर
५८८०
६३१५
६२२१
८७१८
५७२१
९६६७
७४१८
७०८५
२२५२
२२८६
९३७९
४०२३
४४८
८९८७
४२४८
७०४१
१७०७
१७०६
८३४५
९८३३
४२४७
२३९५
१८९७
९८१७
९६५३
८९८६
२८३०
८३४१
२६९७
९३५४
२५९
३७३४
४६९
८०२६
१०४६ ९५७५
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