Book Title: Agam Padyanam Akaradikramen Anukramanika 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 222
________________ क्रम (५६) | (५७) (५८) |(५९) | (६०) |(६१) |(६२) ग्रन्थ नाम कर्मप्रकृतिः कर्मविपाककुलकम् कर्मविपाकनामा प्रथमः कर्मग्रन्थः कर्मविपाकाख्यः प्रथमः प्रा. कर्मग्रन्थः कर्मसंवेध कर्मस्तव भाष्यम् कर्मस्तवाख्यः द्वितीय: प्रा. कर्मग्रन्थः कर्मस्तवाख्यो द्वितीयः कर्मग्रन्थः कायस्थितिस्तोत्रम् कालसप्ततिका (६३) | (६४) | (६५) (६६) कालस्वरूपकुलकम् कूपदृष्टान्तविशदीकरणम् (६७) (६८) कृष्णराजीविमानविचार: (६९) क्षपकस्याऽऽलोचनाऽन्ते भावना (७०) क्षमाकुलकम् (७१) क्षान्तिकुलकम् (७२) क्षुल्लकभवावलिः (७३) खामणाकुलयं (२) (७४) खामणाकुलयं (१) (७५) गणधरार्ध शतकम् (७६) गणधरोरा (७७) गणिगणिन्योर्लक्षणावली (७८) गणितसारः (७९) गाङ्गेयभङ्गप्रकरणम्-१ (८०) गाङ्गेयभङ्गप्रकरणम्-२ (८१) गाथासहस्त्री (८२) गुणानुरागकुलकम् |(८३) गुरुगुणषट्त्रिंशत् षट्त्रिंशिकाकुलकम् (८४) गुरुतत्त्वविनिश्चयः पुस्तक श्लोक क्रमांक संख्या १३ ७ 0 १३ २३ २३ १३ o १३ १३ ७ ५. १३ २२ ७ ७ १३ ७ ७ ६ ० २२ ० १५ १५ o ७ ७ ५ 3 ४७५ २३ ६० १६८ १७४ ३२ ५५ ३४ २४ ७४ ३२ १२ १८ १० २५ ३१ २५ ३६ १५ १५० ३१ ८ ३११ ३६ २५ ८५५ २८ ४० ९०५ कर्ता पू. आ. श्री शिवशर्मसूरीश्वरजी म. सा. पू. आ. श्री देवेन्द्रसूरीश्वरजी म. सा. श्री गर्गमहर्षि पू. पू. मुनि श्री देवेन्द्रविजयजी म. सा. अज्ञात पू. आ. श्री देवेन्द्रसूरीश्वरजी म. सा. पू. आ. श्री जयशेखरसूरीश्वरजी म. सा. पू. आ. श्री जयशेखरसूरीश्वरजी म. सा. पू. आ. श्री जिनदत्तसूरीश्वरजी म. सा. पू. उपा. श्री यशोविजयजी म. सा. पू. आ. श्री जयशेखरसूरीश्वरजी म. सा. पू. आ. श्री वासुदेव (हरि.) सूरीश्वरजी म. सा. पू. मुनि श्री धर्मशेखर गणी म. सा. पू. आ. श्री जिनदत्तसूरीश्वरजी म. सा. ठक्कुर फेरु पू. मुनि श्री पद्मविजयजी म. सा. पू. मुनि श्री समयसुन्दर गणि म. सा. पू. आ. श्री सोमसुंदरसूरीश्वरजी म. सा. पू. मुनि श्री वज्रसेनविजयजी शिष्य पू. उपा. श्री यशोविजयजी म. सा.

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