Book Title: Agam Padyanam Akaradikramen Anukramanika 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 132
________________ सामनविसेसोभय० साहारणमपज्जत्तं निहानि सामनविसेसोभय० (विशे.) ३५९८ सामित्ते करणम्मि य (द.नि.) ५५ सावज्जजोगविरई (विशे.) ९०२ सामन्नाओ विसेसो (विशे.) २२११ सामित्थाभावाओ (विशे.) २४९ सावज्जजोगविरई (विशे.) ९५५ सामन्नाओ विसेसो (विशे.) ३४ सामिसं कुललं दिस्सा, (उत्त.) ४६८ सावज्जजोगविरई (विशे.) १२६३ सामन्ना वा बुद्धी मइ- (विशे.) १४७ सामी चारभडा वा संजय (पि.नि.) ३७१ सावज्जजोगविरई उक्कि- (अनु.) १२३ सामाइअं करेमी पच्च- (आ.नि.)१०४६ सामुत्थाणी कविला (आचा.)५७ सावज्जजोगविरई उक्कित्तण (अनु.) ६ सामाइअमाईअं इक्कारसमाउ (आ.नि.) भा.३७ सायं संमत्त पुमं हासं रइ (दश.) १४३ सावज्जजोगविरई उक्कित्तण (च.प.) ७१ सामाइएसु एवं (विशे.) २१७८ सायं सम्म हासं पुरिस- (विशे.) १९४६ सावज्जजोगविरओ (आ.नि.)भा.१४९ सामाइओवउत्तो (विशे.) ३३९४ सा य पगलंतलोहियमेयवसा (म.प.) ४१७ सावज्जजोगविरओ (आ.नि.)१०५२ सामाइओवउत्तो (विशे.) १५२९ सायमसायं सव्वे सुहं च (प्रज्ञा.) २२७ सावज्जमणायतणं असोहि- (ओघ.) ७६४ सामाइयं च तिविहं (आ.नि.)७९६ साय सयं गोसद्धं (आ.नि.)१५३० सावत्थीइ कुमारो भद्दो (उ.नि.) ११६ सामाइयं च पढमं (आ.नि.)११४ सा य सलिलुल्ललोहियम- (म.प.) ४१३ सावत्थीउसभपुरं (विशे.) २३०३ सामाइयंति नपुंसय (विशे.) १५०४ सायाऽसायं दुक्खं (विशे.) २०१२ सावत्थी उसभपुरं (स्था.) ८४ सामाइयंतिनाम (विशे.) ९६२ सारक्खणाणुबंधो (विशे.) २५७० सावत्थी उसभपुर सेय- (आ.नि.)७८१ सामाइयंपि तिविहं (विशे.) २६७३ सारक्खिया गिलाणा (ओघ.) भा.१३० सावत्थी जियसत्तूतणओ (म.प.) ४९९ सामाइयं समइयं (विशे.) २७८७ सारदं व जलं सुद्धं (इसि.) ४५।३१ सावत्थी जियसत्तू धारणि (उ.नि.) १११ सामाइयं समइयं सम्मा (ओघ.) ७४ सावत्थी सिरिभद्दा निंदू (आ.नि.)४७९ सामाइयअणुकमओ (दश.) १२ सारस्सतमाइच्चा वण्ही . (स्था.) ९३ सा वद्धती भगवती दिय- (ज्ञाता.) ७ सामाइयत्थ पढमं (विशे.) १२६० सारस्सयमाइच्चा. (आ.नि.) भा.८६ सावयतेणा दुविहा विराहणा (ओघ.) १९२ सामाइयऽत्थ पढमं छेदो- (उत्त.) १०७४ सारस्सयमाइच्चा वण्ही (स्था.) १२६ सावयतेणा दुविहा विराहणा (ओघ.) १९४ सामाइयत्थंमुवसंपया (विशे.) ३३९७ सारस्सयमाइच्चा वही (भग.) ४४ सावयधम्मस्स विहि (आ.नि.)१५५६ सामाइयत्थ सवणोव० (विशे.) ३३९९ सारस्सयमाइच्चा वण्ही (ज्ञाता.) १२ सावयभयाभिभूओ बहूसु (म.प.) ५५६ सामाइयनिज्जुत्ति वुच्छं (आ.नि.)८७ सारस्सयमाइच्चा वण्ही (आ.नि.)२१४ सावय ! संघाडी मे (विशे.) २३२६ सामाइयनिज्जुत्ती (विशे.) १०८० सारिक्खविवक्खोभय० (विशे.) ४७० सा वा सद्दत्थोच्चिय (विशे.) १७५ सामाइयपच्चप्पण- (विशे.) ३५७१ सारीरंपिय दुविहं माणुस (आ.नि.)१३४९ सासएहिं निमन्तिज्जा (आ.) ४० सामाइयभावपरिणइ (विशे.) २६३६ सारीरमाणसा चेव, (उत्त.) ६२७ सा सगडतित्तिरी वंसगम्मि (दश.) ८८ सामाइयमहपुरमवि (विशे.) ९०९ सारीरमाणसे दुक्खे, (उत्त.) ८९३ सासणं जं णरिंदाओ (इसि.) ४५।३६ सामाइयमाइमयं (विशे.) ३४६३ सारो परूवणाए चरणं (आचा.) १७ सासणि विगयमोहाणं, (उत्त.) ४७४ सामाइयमाइसुयनाण (विशे.) ११२६ सालंबणो पडतो अप्पाणं (आ.नि.)११७२ सा समासओ तिविहा (नन्दी) ४५ सामाइयमाईयं सुयनाणं (आ.नि.)९३ । सालदुममज्झयारे एरंडे (स्था.) २३ (विशे.) ७२५ सामाइयम्मि उ कए . (विशे.) २६९० सालदुममज्झयारे जह (स्था.) २१ सासिज्जइ जेण तयं (विशे.) ५५९ सामाइयम्मि उकए (आ.नि.)८०१ सालि कलाय ऽयसि वंसे (भग.) ८७ सासे काले जरे दाहे (ज्ञाता.) ३२ सामाइयम्मि य कए (भग.) ९८ सालीओअणहत्थं दलू (पि.नि.) १९८ सासे कासे जरे दाहि (विपा.) २ सामाइय वक्खाणं (विशे.) १०२२ सालीधयगुलगोरस नवेसु (पि.नि.) १८० सा सेढी सेढिगुणा (विशे.) २७६८ सामाइय वोराओ (विशे.) १५४६ सालीमाई अवडे फले य (पि.नि.) १६१ साहति य पिअधम्मा (ओघ.) भा.१३५ सामाइयसमुदायत्थ (विशे.) ९८८ सालुअं वा विरालि (द.वै.) १७७ साहट्ट निक्खिवित्ताणं, (द.वै.) ८९ सामाइयाइयाणं (विशे.) ८९९ सावग जइ वीसऽभिग्गह (पि.नि.) १५५ साहम्मऽभिग्गहेणं नो (पि.नि.) १४९ सामाइयाइया वा वय- (आ.नि.)२७१ सावगजणमहुअरपरिवुडस्स (नन्दी) ८ साहम्मिअपुरिसासइ (ओघ.) १७ सामाइयोवउत्तो (विशे.) ३३९० सावगभज्जा सत्तवइए (विशे.) १४१२ साहरे हत्थपाए य, (सूत्र.) ४२७ सामाणिअदेवटि देवो (आ.नि.)५०५ सावगभज्जा सत्तवइए (आ.नि.)१३४ सा हवइ सव्वधत्ता दुप- (आ.नि.) भा.१८७ सामायारिं पवक्खामि, (उत्त.) ९७४ सावज्जगंथमुक्का अभं- (उ.नि.) ४२७ साहवो तो चिअत्तेणं, (द.वै.) १५४ सामायारिमगीए जोगमणा- (ओघ.) १४३ सावज्जगंथमुक्का अब्भिंतर- (उ.नि.) २४३ साहा गहनक्खत्ता मज्झेगा (दे.प.) ९८ सामायारी आहे नायज्झयणा (ओघ.) भा.१२ सावज्जजोगं णिहिलं (इसि.) १७७ साहारणओसरणे एवं (आ.नि.)५५४ सामाहारा सुप्पतिण्णा (स्था.) १०० सावज्जजोगंपरि- (विशे.) २६८१ साहारणट्ठा जे केई, (सम.) ४८ सामित्ताइविसेसा (विशे.) ९६ सावज्जजोगप्परिवज्जणट्ठा, (आ.नि.)७९९ साहारणमपज्जत्तं निद्दानिदं (आ.नि.)१२३ ૧૧૫

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