Book Title: Agam Padyanam Akaradikramen Anukramanika 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 134
________________ सिबियाइ मज्झयारे दिव्वं सुठुत्तरमायामा सा छट्ठी सिबियाइ मज्झयारे दिव्वं (आ.) ११९ सीया उवणीया जिण- (आ.) ११८ सुअधम्मसंघसाहुसु पावं (च.प.) ५२ सिमिणमिव मन्नमाणं (विशे.) २३४ सीयाणि य उण्हाणि य (आचा.)२१० सुअनाणंमिवि जीवो (आ.नि.)९४ सिमिणेऽवि सुरयसंगम० (विशे.) २२८ सीयाणे जं दिटुं तं तं (आ.नि.) भा.२२२ सुअनाणम्मि अभत्ती (आ.नि.)१४०८ सिमिणो न तहारूवो (विशे.) २२४ सीया य दव्व सारीर (सम.) ७३ सुअ सुत्त गंथ सिद्धत (अनु.) ४ सिय लेस दिट्ठिणाणे (भग.) ८२ सीयायवझडियंगा लग्गु- (म.प.) ४४६ सुआणि मे पंच महव्वयाणि, (उत्त.) ५९२ सियवियपोलासाढे जोगे (उ.नि.) १६९ सीयालं भंगसयं पच्च- (विशे.) ३५४१ सुई च लर्बु सद्धं च, (उत्त.) १०४ सिया (...) कुज्जा तं तु (इसि.) ३९।४ सीयावेइ विहारं सुहसीलग- (ग.प.) २३ सुइभद्दगदित्ताई दढग्गहे (पि.नि.) ५९९ सियाणगाणं तु दुवे (सूत्र.) ६९७ सीया साडी दीहं च (नन्दी) ६८ सुकडंति सुपक्क्रति, (उत्त.) ३६ सिया पावं सई कुज्जा (इसि.) ३९।३ सीया सुदंसणा सुप्पभा (सम.) ८९ सुकडं दुक्कडं वा वि (इसि.) ४.१३ सिया य बीओदग इत्थि- (सूत्र.) ६७७ सीलं व समाहाणं (विशे.) ३०६७ सुकडित्ति सुपक्कित्ति, (द.वै.) ३१८ सिया य समणट्ठाए, गुव्विणी (द.वै.) ९९ सीलई ससिहारे णग्गई (औप.) ७ सुकयं आणत्ति पिव (आ.नि.)१५२४ सिया हु सीसेण गिरिपि (द.वै.) ४०७ सीलतवदाणभावण (ग.प.) १०० सुकुमालकोमलतले तेसिं (नन्दी) ४२ सिया हु से पावए नो (द.वै.) ४०५ सीले चउक्क दव्वे पाउ- (सू.नि.) ८६ सुक्कं झाणं झियाइज्जा, (उत्त.) १३५३ सिरिगुत्तेणं छलुगो (विशे.) २४८९ सीलेणवि मरियव्वं (आ.प.) ६५ सुक्कंबरा य समणा (आ.नि.)३५७ सिरिगुत्तेणऽवि छलुगो (आ.नि.) भा.१३९ सीवणं तुन्नणं भरणं, (ग.प.) ११३ सुक्कम्मिसोणियम्मि य (त.प.) ८५ सिरिचंदे पुष्फकेऊ (सम.) १६३ सीवण्णिसरिसमोदगकरणं (ओघ.) ४५२ सुक्कीयं वा सुविक्कीयं, (द.वै.) ३२२ सिरि हिरि घिति कित्तीओ (पु.चू.) १ सीवण्णिसरिसमोयगकर- (पि.नि.) ८१ सुक्केणऽवि जं छिकं तु (पि.नि.) भा.२८ सिवनन्द-भद्द-सामा-धन्न (उपा.) ४ ।। सीसं उरो य उदरं (उ.नि.) १५२ सुक्केण सरक्खेणं मक्खि- (पि.नि.)५३३ सिसिरंसि अद्धपडिवन्ने (आ.) ६३ सीसं जहा सरीरस्स (इसि.) २२।१६ सुक्के सुक्कं पडियं विगिचिउं (पि.नि.) ३९८ सिस्सम्मि जे पहणइ, (सम.) २५ सीसघडीनिग्गालं जं (त.प.) ९८ सुक्के सुक्कं पढमो सुक्के (पि.नि.) ५६७ सीआइ मज्झयारे दिव्वं (आ.नि.) भा.९४ सीसच्छेदे धुवो मच्चू (इसि.) २२।१५ सुक्कोल्ल उल्लगमणे विरा- (ओघ.) २४ सीआलं भंगसयं तिविहं (आ.नि.)१०४५ सीसमुरोअरपिट्ठी दो (आ.नि.) भा.१६० सुक्कोल्लपडिग्गहगे (ओघ.) ५७६ सीआ साडी दीहं च (आ.नि.)९४५ सीसमुरोयरपिट्ठी दो (उ.नि.) १८९ सुक्कोल्लसरिसपाए असरिस- (पि.नि.) ३९७ सीईभूओ परिनिव्वुओ य (आचा.) २०५ सीसहिया वत्तारो • (विशे.) १०६७ सुगहियसावयधम्मा (म.प.) ४५१ सीउण्हखारखत्ते (पि.नि.) १३ सीसा पडिच्छगाणं (विशे.) १४७५ सुगिहियजिणवयणामय- (म.प.) ४५२ सीउण्हख़ारखत्ते अग्गी- (पि.नि.) २२ सीसायरियपरिक्खा (विशे.) १३५२ सुग्गीवे दढरहे विण्हू (सम.) ८० सीउण्हखारखत्ते अग्गी- (ओघ.) ३४१ सीसावेढेण जे केई (सम.) २२ सुग्गीव दढरह वि, (आ.नि.)३८८ सीउण्हखारखत्ते अग्गी- (ओघ.) ३४७ सीसुक्कंपिय सूई (आ.नि.)१५४७ सुग्गीवे नयरम्मि अ राया (उ.नि.) ४०९ सीउण्हपंथगमणे खुहा (त.प.) ७७ सीसे जइ आमंतइ पडिच्छगा (ओघ.) १३५ सुग्गीवे नयरे रम्मे, (उत्त.) ५८३ सीउण्हफाससुहदुहपरी- ' (आचा.) २०९ सीसेण एयं सरणं उवेह, (उत्त.) ३६८ सुचिरंपि अच्छमाणो (आ.नि.)१११३ सीए दवस्स एगो भत्ते (पि.नि.) ६५२ सीसो गुरुणो भावं (विशे.) ९२९ सुचिरंपि अच्छमाणो (आ.नि.)१११७ सीओ उसिणो साहारणो (पि.नि.) ६५१ सीसो पढमपवेसे वंदिउ- (आ.नि.)१२२८ सुचिरंपि अच्छमाणो (ओघ.) ७७२ सीओदगं न सेविज्जा, (द.वै.) ३४० सीसोऽवि पहाणयरो (विशे.) १४३७ सुचिरंपि अच्छमाणो (ओघ.) ७७३ सीओदगं सेवउ बीयकाय, (सूत्र.) ६७५ सीसोऽवि वेरिओ सो (ग.प.) १८ सुचिरंपि वंकडाई होर्हिति (उ.नि.) ४९३ सीओदगपडिदुगुंछिणो, (सूत्र.) १३० सीहं जहा खुड्डू मिगा (सूत्र.) ४९२ । सुचिरंपि वंकुडाई होहिंति (आ.नि.)१३१३ सीओदगसमारम्भे, (द.वै.) २६० सीहं जहा व कुणिमेणं, (सूत्र.) २५४ सुचिरमवि संकिलिटुं (म.प.) ५३ सीओसिणा दंसमसगा य (उत्त.) ७५८ सीहत्ता निक्खमिउं (उ.नि.) ४१७ सुच्चाण मेहावि सुभासिआई (द.वै.) ४१५ सीता दव्वसरीरा साता तह (प्रज्ञा.) २२६ सीहरहे मेहरहे रुप्पी (सम.) ८७ सुच्चाण मेहावि सुभासियं (उत्त.) ७३१ सीतोदगं वा तह बीयकायं, (सूत्र.) ६७६ सीहासणे निविट्ठो (आ.) १२२ सुजसा सुव्वय अइरा (सम.) ८४ सीमंधरो य राया भिगू (उ.नि.) ३७३ सीहे कुंडुबयारस्स . (त.प.) १२६ सुजसा सुव्वया अइरा, (आ.नि.)३८६ सीयं परीसहपमायुवसम- (आचा.)२०१ सुंदरजणसंसग्गी सीलदरि- (ओघ.) ७८५ सुज्जइ दुक्करकारी (म.प.) २८५ सीयललुक्खाऽणुचियं (आ.नि.)११८६ सुंदरबाहू तह दीहबाहू (सम.) ८६ । सुज्झइ दुक्करकारी (महा.) ९५ सीयले खुड्डए कण्हे, (आ.नि.)११०४ सुअणाणसागराओ मुणिओ (दे.प.) १२ सुठुतरमायामा सा छट्ठी (स्था.) ६२ सीया उण्हा य निद्दा (उत्त.) १३७५ सुअ णोसुअ सुअ (आ.नि.)१०४१ सुठुत्तरमायामा सा छट्ठी (अनु.) ४२ डो ૧૧૦

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