Book Title: Agam Padyanam Akaradikramen Anukramanika 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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समा सीसपचिणं,
समा सीसपडिच्छीणं, समाहारा सुप्पइण्णा समाहिओवहाणे य
समाहीइ चउक्कं दव्वं समिओ जन
समिसु पंचसमिओ जिणाहि (म.प.) समिईहि मां सुसमा
समिए उसया साहू, समिक्स पंडिए तम्हा समिच्च लोगं तसथावराणं
समित्रिणिता कलु समुआणं चरे भिक्खू, सणवणओ पुण
समुइण्णेसु य सुविहिय! समुन्नयो समुइन्नेसु य सुविहिय समुच्छि (ज्जि) हिंति समुट्ठाणवायणालद्धिओसमुट्ठाण वायणा लद्धिओ समुदाए जइ णाणं समुदाणियाणिहतओ
(ग. प.) १२७
(जंबू.) ७३ (द.नि.) ४४
(उ.नि.) ३८४
(उ.नि.) १६
समुदगंभीरसमा दुराया. समुदपालिआऊ वेयंतो समुदेन पालिअम्मि अ समुयाणं ठंडमेसिज्जा, समुह तर्हि संतं, समुसरण भत्त उग्गह समूसियं नाम विधूगठाणं समूसिया तत्थ विसूणिगंगा समोयारो खलु दुविहो समोसरने केवइया रूप सम्म कम्मपरिणाणं सम्मं धम्मं वियाणित्ता, सम्मं निसग्गओऽहिगम सम्मं पयं पयच्छइ सम्मं मे सव्वभूएसुं सम्मं मे सव्वभूसु सम्म मे सब्बभूएस, बेरं सम्मं रोगपरिणाणं सम्मं सहिऊण तओ काल सम्मग्गमग्गसंपट्टियाण सम्मत्तं अचरित्तस्स हुज्ज सम्मत्तं गोत्थणवो सम्मतं च अहिंसेच
१९५
(उत्त) ३५७
(सूत्र.) ८८
(उत्त.) १६२
(सूत्र) ६७२
(सूत्र) ३२६ (द.वै.) १८४
(महा.) १२१
स
सम्मत्तं च दयं चेव सम्मत्तं च दयं चैव
सम्मत्तं चैव मिच्छत्तं, सम्म समिईओ गुत्तीओ |सम्मत्तचरणसहिया
सम्मत्तचरणसहिया सव्वं सम्मत्तचरित्ताई
| सम्मत्तचरिताई सम्मत्तरितं धीरे
सम्मत्तणिरयं धीरं सम्मत्तदेसविरई पलियम्स सम्मत्तदेसविरया
सम्मसदेसविरया
(म.प.) ४८४
(म.प.) ३०३ (म.प.) ५५२ (सूत्र) ६३९ (विशे.) २८०७ सम्मत्तनाणदंसण ( आ.नि. ) ८८९ (विशे.) २०२ (सू.नि.) १६८ (उत्त) ३३९ (उ.नि.) ४२९ (उ.नि.) ४२८ (उत्त.) १३५०
सम्मत्तदेसविरया
सम्मत्तदेसविरया पडिवन्ना सम्मत्तदेसविरया पलियस्स सम्मत्तनाणदंसण
सम्मत्तनाणदंसणवररयणा | सम्मत्त नाण दंसण संजय सम्मत्तनानरहियस्स सम्मआणं संभो उच सयभिसया भरणीओ अद्दा सर्वाभिसया भरणीओ अच्छा सयमवि न पियइसयमसया भरणीओ सर्वामिसया भरणीओ अद्दा सयमेव अभिसमागम्म सयमेवणुपालणियं
(उत्त.) ९३५ ( आ.नि.) ३६२ (सूत्र) ३३४ (सूत्र) ३३५ (उ.नि.) ७२ सयमेव दिपाढी करे ( आ.नि.) ५४३ सयमेव व लुक्ख (इसि.) १७१४ सयमेवालोएवं जूहवई (उत्त) ४७२ सयमेवालोएवं जूहवई तं (विशे.) २६७५ सयल लोग पार्स (विशे.) १४१७ सयसावज्जो जोगो (आ.प.) १३ सयसाहस्सा गंथा सहस्स (आ.प.) २१ सया कसिणं पुण घम्मवणं (महा.) १४० सयाजलं नाम निहं महंतं, (सूत्र) (इसि.) १७।३ सयाजला नाम नदी भिदुग्गा, (सूत्र) (म.प.) ५१९ सरनामोदयजणिय (ग.प.) ३५ सगे वीरागे वा ( आ.नि.) १६२ सरीरम्यभवा भासा दोहि (इसि.) २६।११ सरीरमाहु नावत्ति, (इसि.) ३३|१८ | सरिणोयाहारो तयाय
(इसि.) ९।२१ सललियविल्लहलगई (इसि.) ३८।१७ सल्लं उद्धरिउमणो संवेगु(उत्त.) १२४७ सल्लं कामा विसं कामा, (म.प.) २६६ सर्व कामा विसं कामा (विशे.) २७८२ सवंति सव्वतो सोता (आ.नि.) ८५९ सवओ तस्साधम्मो (विशे.) २१७७ सवकसुद्धिं समुपेहिया (विशे.) २०७८ सवणं संपइ स तेणं (इसि.) २९/१८ सवजेण धणिट्टाइ पुणव्वस (इसि.) ३३१३ सवणे णाणे य विष्णाणे (आ.नि.) ८५६ सवणे णाणे य वित्राणे (विशे.) २०६४ सवलवघणतणुवाया (विशे.) २०६५ सवलवधणतनुवाया (विशे.) २७७९ सवसो पावं पुरा किच्चा (आ.नि.) ८५१ सवसो पावं पुरा किच्चा (आ.नि.) ८५० सवसो पावं पुरोकिच्चा (विशे.) २९२० सविसयबलवत्तं पुण जुज्जुइ (विशे.) २०७९ सविसयमसद्दहंता (सं.प.) २० सविसेसं सागार (आ.नि.) ८९७ (विशे.) ४१४ (आ.नि.) ८०७ (दे.प.) १०२ (दे. प.) १०६ (विशे.) १४९६८ (जंबू.) ११२ (जंबू.) ११६ (आ.) ११० (आ.नि.) १५८४ (ओघ.) ७५ (उ.नि.) १३७
(ओप.) ४६१ (पि.नि.) ५१८ (विशे.) ६७१ (विशे.) ३५३९ (आ.नि.) ८७६ (सूत्र) ३२०
३३७
सव्वं नच्चा अहिए,
३४७ (विशे.) १५१९ सव्वं पच्चक्खाणं (उत्त.) १२९५ सव्वं पच्चक्खामि (प्रज्ञा) १९३ सव्वं पयं व खणियं (उत्त.) ८८६ सव्वं पाणइवायं पच्च(सू.नि.) १७१
सव्वं पाणारंभं तं
૧૧૨
सव्वं असणं सव्वं पाणगं
सव्वं खवेइ तं पुण सव्वं खवेइ तं पुण सव्वं गंथं कलहं च, सव्वं च असणपाणं चउ
सव्वं च देसविरति सम्म
सव्वं च पएसतया सव्वं च सव्वहिं चेव सव्वं चाहारविहिं सव्वं चिय पहसमयं सव्वं चिय पइसमर्थ
सव्वं चिय सव्वमयं सव्यं जगं जड़ तुह, सव्यं सवं जगं तू समयाणुपेही, सव्वं तओ जाणइ पासई सव्वंति भाणिऊणं सव्वंति भाणिऊणं विरई
सव्यंज
सव्वं देसो व जओ
सव्वं पाणारंभं तं (आ.नि.) १२५७ (भ.प.) २१ (उत्त.) २६३ (इसि.) २८१४
(इसि.) २९/१
(विशे.) ३२५८
(द.वै.) ३३२
(विशे.) २२२७
(गणि.) २२
(भग.) २१
(स्था.) १३
(ओ.) २६१
(पि.नि.) ३९
(इसि.) २४/३२
(इसि.) ४५/७ (इसि.) १५/१८ (ओघ.) भा. ६ (विशे.) २२९२ (विशे.) ७६४
(आ.नि.) १५७७
(विशे.) ३०८३
(विशे.) ३०८३
(उत्त.) २११
(म.प.) २३४
(आ.नि.) ५६४ (विशे.) २०४९
(इसि.) १३
(आ. प.) १४
(विशे.) ३४३५.
(विशे.) ५४४
(विशे.) १६०२
(उत्त) ४६१
(सूत्र.) ४०९ (उत्त.) १२३६
(विशे.) २६८४
(आ.नि.) ८०० (विशे.) १९२४
(विशे.) १२३३
(सूत्र.) १५७ (विशे.) १२३५ (विशे.) ३५५२
(विशे.) २४११ (आ.नि.) १२७०
(आ.प.) २०
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