Book Title: Agam Padyanam Akaradikramen Anukramanika 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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लोभाणुं वेअंतो जो खलु
वत्थाण य उप्पत्ती लोभाणुं वेअंतो जो खलु (आ.नि.)११७ वइजोगो तं न सुर्य (विशे.) ८३२ वणं वहि कसाए य (इसि.) १५।२६ लोभाणु वेयंतो जो खलु (भग.) १०१ वइयाइ मखमाई परभाव- (पि.नि.) ३०९ वर्णसि मूढस्स जहा (सूत्र.) ५८९ लोभाणू वेयंतो (विशे.) १३०२ वइराड वच्छ वरणा (प्रज्ञा.) ११६ वणसंडं व कुसुमियं (आ.) १२५ लोभातिरेगगहिअं अहव (ओघ.) भा.३०६ वइरेगो जं विफलं (विशे.) ११६७ वणसंडोव्व कुसुमिओ (आ.नि.) भा.१०१ लोभेण अहव घत्थो कज्जं (म.प.) ६१५ वइसाहसुद्धएक्कारसीए (विशे.) २०८३ वणसइकाओ तिविहो (पि.नि.) भा.१३ लोयं अयाणित्तिह केवलेणं, (सूत्र.) ७१७ वइसाहसुद्धएक्कारसीएँ (आ.नि.)७३४ वणस्सई न हिंसंति (द.वै.) २४९ लोयं विजाणंतिह केवलेणं, (सूत्र.) ७१८ वएसु इंदियत्थेसु समिईसु (उत्त.) ११२३ वणस्सई विहिंसंतो० (द.वै.) २५० लोयणमपत्तविसयं (विशे.) २०९ वकं तु पुव्वभणियं (दश.) ३६४ वणस्सइकायमइगओ (उत्त.) २८१ लोयविरलुत्तमंगं तवोकिसं (पि.नि.) २९२ वक्कं वयणं च गिरा (दश.) २७० वणहत्थी अ कुमार (उ.नि.) ३४९ लोयाणुग्गहकारिसु भूमी- (पि.नि.) ४४८ वक्खाणसमत्तीए जोगं (आ.नि.)७१० वणिधूयाऽच्चकारिय भट्टा (द.नि.) १०३ लोलइ महीए धूलीए (पि.नि.) ४२२ वक्खित्तपराहुत्ते अ (आ.नि.)११९८ वणीमगस्स वा तस्स, (द.वै.) १७१ लोहस्स य उप्पत्ती होइ (जंबू.) ३५ वक्खित्तपराहुत्ते पमत्ते (ओघ.) ५१५ वणे मूढे जहा जंतू, (सूत्र.) ४५ लोहस्स य उप्पत्ती होइ (स्था.) ११८ वग्घस्स मए भीएणं, (उ.नि.) १२७ वणे रामे पुरे भिक्खे, (उ.नि.) ८८ लोहस्सेस अणुप्फासो, (द.वै.) २२७ वग्यो वा सप्पो वा (उ.नि.) १०३ वण्णओ जे भवे किण्हे, (उत्त.) १३७७ लोहिय हालिद्दा पुण (दे.प.) २५८ वच्चंती छक्काया पमद्दए (ओघ.) भा.२४९ वण्णओ जे भवे नीले, (उत्त.) १३७८ लोही णीहू य थीहू (उत्त.) १४५३ वच्चंते जो उ कमो (आ.नि.) भा.२०६ वण्णओ पीअए जे उ, (उत्त.) १३८०
वच्चंतेण य दिटुं सागारि- (ओघ.) ३८४ वण्णओ लोहिए जे उ, वच्चइ हिंडइ न करेमि (आ.नि.)५१२ वण्णओ सुक्किले जे (उत्त.) १३८१ वच्चाओ असुइतरं नवहिं (त.प.) ११६ वण्णबलरूवहेउं आहारे __ (ओघ.) ५०० वच्चे सुवच्छे महावच्छे (जंबू.) ५७ वण्णम्मि य इक्किके (आचा.) ७८ वच्छगगोणी खुज्जा (विशे.) १४११ वण्णरसगंधफासाण (विशे.) ६५३
वच्छगगोणी खुज्जा (आ.नि.)१३३ वण्णरसगंधफासे जोणि- (आचा.) ७७ वंका कीडक्खइया चित्तलया (ओघ.) ७३६ वच्छो भएण नासइ (ओघ.) भा.२०७ वण्णरसगंधफासे संठाणे (उ.नि.) २०२ वंके वंकसमायारे, (उत्त.) १२८८ वज्जंतऽवज्जभीरू (आ.नि.)३५८ वण्णरसगंधफासे समणुण्णा (दश.) २८५ वंजणमत्थेणऽत्थं (विशे.) २२५२ वज्जरिसहसंघयणा सम- (आ.नि.)१५७ वण्णाइजुयावि बली (पि.नि.) १९५ वंजाणुलोमयाए (विशे.) १३५४ वज्जरिसहसंघयणो, (उत्त.) ७७० वण्णादिया य वण्णादिएसु (सू.नि.) १५ वंजिज्जइ जेणऽत्थो (विशे.) १९४ वज्जेज्जऽणारियं भावं (इसि.) १९।२ वण्णिज्जइ जेणऽत्थो (विशे.) ४६० वंजिज्जइ जेणऽत्थो (विशे.) ४६३ वज्जेत्तु अणायतणं आयतण-(ओघ.) ७६५ वण्णेण वासुदेवा सव्वे (आ.नि.)४०२ वंजिज्जइ जेणऽत्थो (विशे.) ४६५ वज्जेमित्ति परिणओ (ओघ.) ६१ । वण्णेहि य गंधेहि (म.प.), १०७ वंतासी पुरिसो रायं, (उत्त.) ४६० वज्जेह अप्पमत्ता अज्जा- (ग.प.) ६३ वहि रवि ससंकं च (इसि.) २४७ . वंतुच्चारसरिच्छं कम्म (पि.नि.) १९७ वट्टं खु वलयगंपिव तंसा (दे.प.) २१० वहि सीताहतो वा वि (इसि.) ४५।२९ वंदणचिइकिइकम्म (आ.नि.)११०३ वर्ल्ड वट्टस्सुवरि तंसं (दे.प.) २१२ वण्हिणो णो बलं छित्तं (इसि.) ३६४ वंदामि अज्जधम्मं वंदे (नन्दी) प्र./३ वट्टं समचउरंसं होइ, (ओघ.) ६८७ वण्हिमारुयसंयोगा जहा (इसि.) ९।२७ वंदामि अज्जरक्खियखमणे (नन्दी) प्र./४ वडपुरगबंभथलयं वड- (उ.नि.) ३४८ वण्ही अणस्स कम्मस्स (इसि.) १५२७ वंदामि जुत्तिसेणं (सम.) १४२ वडेंसा केउमती चेव (ज्ञाता.) ५५ वण्ही सरीरमाहारं जहा (इसि.) १६५ वंदामि भद्दबाहुं पाईणं (द.नि.) १ वड्ढते परिणामे (विशे.) २७४३ वत्तणालक्खणो कालो, (उत्त.) १०५२ वंदामि महाभागं (विशे.) १०५७ वडते परिणामे पडि- (आ.नि.)८२३ वत्तणा संधणा चेव, (आ.नि.)६९९ वंदामि महाभागं, (आ.नि.)८१ वड्ढतो उण बाहिं (विशे.) ६०६ वत्तीए अक्खेण व (विशे.) १३९८ वंदिज्जमाणा न समुक्कसंति, (आ.नि.)८६६ वड्ढइ हायइ छाया तत्थि- (पि.नि.) १७४ वत्तुलसरिसवरूवा देवा (दे.प.) २५० वंदित्तु सव्वसिद्धे जिणे (आचा.)१ वड्ढई सुंडि(ढि)आ (द.वै.) १९७ वत्थगंधमलंकारं, (सूत्र.) १९८ वंदेऽभिवादयेऽभित्थु- (विशे.) १०५४ वड्ढउ वायगवंसो जसवंसो (नन्दी) ३० वत्थगंधमलंकार, इत्थीओ (द.वै.) ७ वंसाणं जिणवंसो सव्व- (सं.प.) ६ वड्ढेइ तप्पसंगं गेही य (पि.नि.) १८७ वत्थाइगंथरहिया (विशे.) २५६५ वंसे वच्छू कणए कंका- (प्रज्ञा.) ३६ वड्ढोवड्ढी मुहुत्ताण- (चन्द्र.) १०वत्थाई तेण जं जं . (विशे.) २५७४ वइजोगसुयं तेसिं (विशे.) ८३६ वड्ढोवड्ढी मुहुत्ताण- (सूर्य.) ६ वत्थाण य उप्पत्ती (जंबू.) ३३
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